नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को बीस वर्ष का कठोर कारावास
डिजिटल डेस्क, पन्ना। नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और फिर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त चंद्रप्रकाश सेन को पास्को एक्ट न्यायालय पन्ना में विशेष न्यायाधीश इंद्रजीत रघुवंशी द्वारा सजा सुनाई गई। अभियुक्त को आईपीसी की धारा ३७६(३) तथा पास्को एक्ट की धारा ३/४ (२) के आरोप में २०-२० वर्ष का कठोर कारावास एवं ०२-०२ हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अभियुक्त को अन्य धाराओं में क्रमंश: आईपीसी की धारा ३६३ के आरोप में ०३ वर्ष की सजा एवं ०१ हजार रूपए का अर्थदण्ड, आईपीसी की धारा ३६६ के आरोप में ०५ वर्ष की सजा एवं ०१ हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया है। अभियोजन घटना अनुसार थाना बृजपुर में पीडिता की माँ ने दिनांक १८ अक्टूबर २०२० को रिपोर्ट की थी कि पीडिता दिनांक १७ अक्टूबर २०२० को शाम ०६:३० बजे पीडिता नाबलिग की माँ ने उससे पानी लाने के लिए कहा जिसके बाद वह बगल वाले कमरे में चली गई और नहीं आई उसके बाद माँ तथा घर के लोगों ने घर में उसे देखा तो वह नहीं मिली। आसपास पता करने पर भी नहीं मिली पीडिता के नये घर में आरोपी चंद्रप्रकाश आता-जाता रहा।
उसके बारे में परिवार के लोगों ने पता किया तो वह भी घर में नही मिला। माँ ने पीडिता के लापता होने की सूचना दर्ज कराते हुए आरोपी चंद्रप्रकाश पर संदेह जताया। पुलिस द्वारा घटना प्रकरण में आईपीसी की धारा ३६३ के अंतर्गत मामला दर्ज कर विवेचना की। विवेचना के दौरन पीँिडता को ग्राम जनकपुर से दस्तयाब किया गया तथा कथन दर्ज करवाये गए। पीडिता के कथन और मामलेे की विवेचना से यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी चंद्रप्रकाश उसे बहला-फुसलाकर भगा ले गया था और उसके साथ दुष्कर्म किया गया। जिस पर पुलिस ने दर्ज प्रकरण में धाराओं का इजाफा कर आरोपी चंद्रप्रकाश सेन के विरूद्ध कार्यवाही की और सम्पूर्ण विवेचना उपरांत न्यायालय मेें चालान प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की सुनवाई पूरी करते हुए न्यायालय द्वारा अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों को विश्वसनीय पाते हुए आरोपी को वारदात के लिए दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई।