पन्ना: बड़ा दिवाला से आज निकलेगी भगवान श्री जगन्नाथ की भव्य बारात, तीन रथों में विराजमान रहेगें देवी सुभद्रा, बलभद्र एवं भगवान जगन्नाथ
- बड़ा दिवाला से आज निकलेगी भगवान श्री जगन्नाथ की भव्य बारात
- तीन रथों में विराजमान रहेगें देवी सुभद्रा, बलभद्र एवं भगवान जगन्नाथ
डिजिटल डेस्क, पन्ना। उड़ीसा की तर्ज पर धार्मिक नगरी पन्ना में रथ यात्रा महोत्सव अनवरत रूप सें जारी है। पन्ना स्टेट में पौने दो सौ साल पूर्व भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा जिस राजसी ठाठ वाट केे साथ शुरू हुई थी उसका रूप आज भी बरकरार है ओैर समूचे बुंदेलखण्ड के अलावा बघेलखण्ड व महाकौशल से श्रद्धालुगण भगवान जगन्नाथ स्वामी रथ यात्रा में शामिल होकर अपने आप को आनंदित पाते है। पन्ना की रथ यात्रा में बुंदेली सभ्यता एवं सास्कृतिक पर पम्पराओं की सुन्दर झलकी समाहित है। जिसमें भक्तगण भगवान जगन्नाथ स्वामी को दूल्हे कें रूप मे मानते हुए रथ यात्रा महोत्सव में उनके विशेष दर्शन के लिए पहँुचते है। रथ यात्रा महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत २२ जून ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की तिथि पर घट स्नान यात्रा में भगवान बीमार पड़े थे।
०५ जुलाई को अषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि पर पन्ना शहर स्थित प्राचीन एवं भव्य जगदीश स्वामी मंदिर बड़ा दिवाला मेेंं बीमारी से स्वस्थ्य हुए भगवान जगन्नाथ स्वामी को पथ प्रसाद भोग लगाया गया। जिसमें हजारों की संख्या में हाथ फैलाकर भगवान जगन्नाथ स्वामी के भात को श्रद्धालुओं द्वारा ग्रहण किया गया और आज अषाढ शुक्ल पक्ष की प्रथमा ०६ जुलाई को भक्तगणों को १६ दिन बाद धूपकपूर की झांकी के रूप में दर्शन प्राप्त हुए और इसके साथ ही भगवान की भव्य रथ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई है। भगवान जगन्नाथ स्वामी अपने बड़े भाई बलभद्र, बहिन देवी सुभद्रा के साथ यात्रा के लिए जिन रथों में सवार होकर निकलेगें लकड़ी से बने उन तीनों रथों को रंगरोगन करते हुए सजाया जा चुका है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष दोज से भगवान की रथ यात्रा परम्परा के अनुसार बड़ा दिवाला से ७ जुलाई शाम ०५ बजे शुरू होगी जिसकी तैयारियां उत्साह के साथ की जा रही है।
पहले रथ में बडे भाई बलभद्र, दूसरे में बहिन सुभद्रा और सबसे पीछे जगत के नाथ
अषाढ़ शुक्ल पक्ष की दोज दिनांक ७ जुलाई रविवार को शाम ०६ बजे जगदीश स्वामी मंदिर बड़ा दिवाला से भगवान की रथ यात्रा धूमधाम के साथ प्रारंभ होगी। मंदिर से भगवान बलभद्र, बहिन सुभद्रा एवं भगवान जगन्नाथ स्वामी के विग्रह को राजपरिवार के सदस्यों के साथ भक्तिभाव के सआसन मंदिर के बाहर सिंह द्वार से बाहर लाया जायेगा और अलग-अलग रखे गये काष्ठ रथों में उन्हे विराजमान किया जायेगा। भगवान की भव्य आरती होगी एवं सशस्त्र पुलिस के जवानों द्वारा बैण्ड-बाजों की धुन के साथ सलामी दी जायेगी। गगन भेदी आतिशबाजी होगी और राजपरिवार के सदस्य सबसे पहले धक्का देकर भगवान की रथ यात्रा की रवानी करेगें और इसके साथ पन्ना से जनकपुर के लिए रथ यात्रा की रवानगी होगी। भगवान की रथ यात्रा में सबसे आगे बड़े भाई बलभद्र्र फिर बहिन देवी सुभद्रा तथा सबसे पीछे के रथ में दूल्हे के रूप में भगवान जगन्नाथ की नयनाभिराम झांकी के दर्शन होगें। भगवान की भव्य बारात में हजारों की संख्या मेें श्रद्धालुगण शामिल होकर रथों को आगे बढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त करेगें। रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए पुलिस की विशेष बल की तैनातगी रहेगी। नगर में रथ यात्रा में निकले भगवान की विशेष आरती बल्देव जी मंदिर, गोविन्द जी मंदिर, श्री जुगल किशोर जी मंदिर, श्री रामजानकी मंदिर की ओर से पुजारियों द्वारा की जायेगी।