श्री १०८ विराग सागर महाराज का पन्ना में हुआ मंगल प्रवेश
डिजिटल डेस्क, पन्ना। घुवारा निवासी भरत सेठ ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रसंत गणाचार्य श्री १०८ विराग सागर जी महाराज का भव्य मंगल प्रवेश दिनांक १५ जून २०२३ को पन्ना में हुआ। इस अवसर पर पूज्य गणाचार्य का पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य वीरचंद्र सिंघई अमानगंज को प्राप्त हुआ एवं शास्त्र भेंट कैलाशचंद्र जैन खजुराहो एवं एडवोकेट रजनीश जैन को प्राप्त हुआ। प्रात:काल में पूज्य गुरूदेव ने अपने प्रवचनों के माध्यम से पन्ना में समाज को उस समय की याद दिलवाई जिस समय पन्ना में आचार्य श्री विमल सागर जी का ४२वां संयम दिवस मनाया गया था। गणाचार्य श्री विराग सागर जी और आचार्य विमल सागर का मिलन हुआ था। उन्होंने अपने प्रवचनों में कहा कि अनादि काल से यह जीव जन्म-मरण करता हुआ आ रहा है किंतु इस श्रृंखला को समाप्त करने का विचार आज तक उनके मन में नहीं आया। उन्होंने कहा कि श्रेयांशगिरि तीर्थ पन्ना जिला का एक मात्र क्षेत्र है। कुण्डलपुर के बडे बाबा की प्रतिमा तो १२वीं शाताब्दी की है किंतु श्रेयांशगिरि के बडे बाबा की प्रतिमा ४-५वीं शाताब्दी की है। इस प्रकार से यह तीर्थ बुंदेलखण्ड का सबसे प्राचीन तीर्थ क्षेत्र है।