Panna News: चीफ इंजीनियर के निरीक्षण के पहले फूटी पुलियों में सीमेंट की पुताई, सकरिया-डिघौरा निर्माणधीन सडक की जांच को पहुंचे अधिकारी
- चीफ इंजीनियर के निरीक्षण के पहले फूटी पुलियों में सीमेंट की पुताई
- सकरिया-डिघौरा निर्माणधीन सडक की जांच को पहुंचे अधिकारी
- सडक निर्माण में व्यापक अनियमित्ताएं, अधिकारियों से छिपाया भ्रष्टाचार
Panna News: राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 39 को राष्ट्रीय राजमार्ग 943 से लिंक करने के लिए 68 करोड की लागत से सकरिया-डिघौरा मार्ग कार्य कराया जा रहा है। इस सडक से स्थानीय लोगों को खासी उम्मीदें थी लेकिन उक्त सडक भ्रष्टाचार की भेंट चढती नजर आ रही है। सडक निर्माण में हो रही अनियमित्ताओं को उजागर करते हुए विगत दिनों इस समाचार पत्र में प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया था। जिसमें ठेकेदार द्वारा कराए गए घटिया निर्माण, फूटी पुलियों और अनियमित्ताओं पर केन्द्रित खबर को प्रकाशित किया था। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों ने ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नहीं की। इसी बीच आज लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर पन्ना जिले के दौरे पर पहुंचे। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार के लोगों ने सिमरिया में किसी पत्रकार को वरिष्ट अधिकारियों से मिलने तक नहीं दिया। इसके बाद सकरिया-डिघौरा सडक की जांच के लिए दल रवाना हुआ। जहां ठेकेदार के लोगों ने सारा काम बंद करा दिया गया और मौके पर फूटी पुलियों पर सुबह से ही सीमेंट पोतकर दुरूस्त करने का प्रयास किया गया। जिससे ठेकेदार का भ्रष्टाचार फूटी पुलियों की दरारों से नजर न आए।
इसी बीच चीफ इंजीनियर का काफिला सडक के निरीक्षण पर पहुंचा तो संबंधित क्षतिग्रस्त पुलियों का उन्होंने अवलोकन तक नहीं किया। जबकि सकरिया के समीप चौपडा नर्सरी के पास ही दो पुलियां क्षतिग्रस्त देखी जा सकतीं थी। बताया जाता है कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा न तो इन अनियमित्ताओं की जानकारी चीफ इंजीनियर को दी और न ही पत्रकारों से मिलने दिया। कुल मिलाकर भ्रष्टाचार और अनियमित्ताओं को छिपाने का पूरा प्रयास किया गया। गौरतलब है कि सीआरआईएफ की मद से बनाई जा रही सडक का ठेका मेसर्स रविशंकर जैसवाल को दिया गया है। ठेकेदार द्वारा इन दिनों सकरिया-ककरहटी के बीच सडक के शोल्डर बनाने का काम किया जा रहा है। यहां अलग से शोल्डर हेतु मटेरियल लाने की बजाए सडक किनारे से ही डब्लूएमएम एवं जीएसबी के शोल्डर को तोडकर हार्ड शोल्डर बनाए जा रहे हैं जो पूरी तरह नियम विरूद्ध हैं। अधिकारियों के निरीक्षण के पूर्व काम बंद कर दिया गया। शोल्डर तोडने के कारण सडक का साइड स्लोप समाप्त हो रहा है। बावजूद इसके रोड शोल्डर बनाने के लिए ठेकेदार द्वारा इसी तरीके का उपयोग किया जा रहा है। सडक के डामरीकरण में कैम्बर एवं सुपर एलीवेशन नहीं बनाए गए। कैम्बर के आभाव में सडक कुछ दिनों में ही नष्ट हो जायेगी। इस महत्वपूर्ण मामले में भी ठेकेदार ने गंभीरता नहीं दिखाई है। सडक के कुछ हिस्सों को छोड दें तो पूरी सडक में कैम्पर नजर नहीं आता।
निभाई गई निरीक्षण की औपचारिकतायें
लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर के निरीक्षण की जानकारी अधिकारियों और ठेकेदार सब को थी। सुबह से जहां ठेकेदार ने अपना सारा काम बंद कर फूटी पुलियों में सीमेंट पोतने के काम किया। वहीं चीफ इंजीनियर क्षतिग्रस्त पुलियों और अनियमित्तापूर्ण कार्य को न देखें इसके लिए स्थानीय अधिकारी-कर्मचारी लामबंद रहे। जिसके चलते चीफ इंजीनियर का निरीक्षण दौरा महज औपचारिकता से ज्यादा कुछ नहीं रहा। चौपडा की क्षतिग्रस्त पुलियों में की गई लीपापोली की शिकायत करने के लिए स्थानीय लोग सुबह से अधिकारियों के आने का इंतेजार करते रहे लेकिन यहां कोई निरीक्षण दल नहीं पहुंचा। देर शाम तक टूटी पुलियों को देखने कोई नहीं आया तो लोगों में रोष देखा गया।
अधीक्षण यंत्री को दी अनियमितताओं की जानकारी
चीफ इंजीनियर के दौरा कार्यक्रम में शामिल होने छतरपुर से पन्ना पहुंचे अधीक्षण यंत्री एस.के. दहरिया को पत्रकारों ने सकरिया-डिघौरा मार्ग हो रही अनियमित्ताओं और टूटी पुलियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जिसके बाद अधीक्षण यंत्री ने मौके पर जांच की बात कही लेकिन मौके पर क्षतिग्रस्त पुलियों को देखने आज कोई नहीं पंहुचा। इससे स्पष्ट है कि पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।