विपणन संघ गुनौर के गोदाम प्रभारी तथा चौकीदार को १०-१० वर्ष का सश्रम कारावास

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-08 06:10 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले में विपणन संघ के गुनौर स्थित डबल लॉक सेन्टर गोदाम में खाद विक्रय से प्राप्त राशि को बैंक में जमा न करके छलकपट पूर्वक गबन किए जाने की घटना के मामले अभियुक्तो को दोषी पाए जाने पर जिला न्यायालय पन्ना में सजा सुनाई गई है। न्यायालय द्वारा विपणन संघ गोदाम प्रभारी आरोपी रामकरण द्विवेदी तथा चौकीदार अश्वनी त्रिपाठी को आईपीसी की धारा ४०९ सहपठित धारा १२०बी के आरोप में दोषी पाते हुए १०-१० वर्ष के सश्रम कारावास तथा ढाई-ढाई लाख रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। वहीं अन्य अभियुक्तगणों मोहम्मद आरिफ उर्फ राजा, कालीचरण विश्वकर्मा, मद्दू उर्फ बलीराम रैकवार, संजू रैकवार, मोहम्मद फैज अली एवं हीरालाल रैकवार को आईपीसी की धारा १२०बी के आरोप में दोषी पाते हुए ०४-०४ वर्ष के सश्रम कारावास तथा चालीस-चालीस हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किए जाने का आदेश पारित किया गया है।

अभियोजन घटना अनुसार विपणन संघ के डबल लॉक सेन्टर गुनौर स्थित गोदाम से दिनांक १७ नवम्बर २०२१ से २५ नवम्बर २०२१ के गोदाम में रखी यूरिया की १८७५ बोरी खाद एवं १५५४ बोरी डीएपी खाद जिसकी विक्रय राशि २३ लाख ६४ हजार ४८७ रूपए विक्रय के रूप में प्राप्त हुई उस राशि को गोदाम प्रभारी एवं चोैकीदार तथा पल्लेेदारों के रूप में कार्य करने वाले आरोपीगणो द्वारा बेैंक में जमा न करके षडयंत्रपूर्वक मिलीभगत करते हुए गबन करते हुए अपराधिक न्यास भंग किया गया था जिसके लिए आरोपीगणो द्वारा धन राशि को षडयंत्र योजना बनाकर चोरी का रूप देते हुए राशि को आपस में विभाजित कर लिया था। पूरी घटना को लेकर जिला विपणन संघ अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य सहकारी जिला पन्ना के द्वारा कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गुनौर को अपनी जांच रिपोर्ट एक लिखित आवेदन के साथ प्रस्तुत की गई।

जिस पर गुनौर थाने में अपराध पंजीबद्ध किया गया पुलिस द्वारा प्रकरण की जांच विवेचना करते हुए अभियुक्तगणों के विरूद्ध कार्यवाही कर गिरफ्तार किया गया तथा प्रकरण की विवेचना पूरी करते हुए न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजन के द्वारा न्यायालय में साक्षीगणों के कथन कराये गये तथा घटना से संबधित सुसंगत दस्तावेज प्रदर्शित किए गए। कोर्ट द्वारा प्रकरण की सुनवाई करते हुए आरोपीगणों के विरूद्ध अपराध प्रमाणित पाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा कोर्ट में उच्च न्यायालय के न्यायिक दृष्टांत रखते हुए अपराध को प्रमाणित करते हुए आरोपियो को कठोतम सजा देने का आग्रह न्यायालय से किया गया। कोर्ट द्वारा जिस पर दोषी पाए गए अभियुक्तो को सजा सुनाई गई। 

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