पन्ना: आंगनबाडी केन्द्रों के भोजन एवं नाश्ते की व्यवस्था समूहों से छुडाये जाने का विरोध, स्व सहायता समूह संगठन की महिलाओं ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
- आंगनबाडी केन्द्रों के भोजन एवं नाश्ते की व्यवस्था समूहों से छुडाये जाने का विरोध
- स्व सहायता समूह संगठन की महिलाओं ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन
डिजिटल डेस्क, पन्ना। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ के तत्वाधान में पन्ना जिलाध्यक्ष रचना राजू तिवारी के संयोजन में प्रदेश के मुख्यमंत्री व महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री नर्मिला भूरिया को कलेक्टर पन्ना के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में लेख किया गया है कि संचालनालय महिला एवं बाल विकास मध्य प्रदेश द्वारा जारी आदेश वापिस लिया जाये। आंगनबाडी केन्द्र में सहायिकाओं के माध्यम से नाश्ता एवं गर्म पका भोजन प्रदान करवाने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के सभी संभागों की एक-एक परियोजना की आंगनबाडियों पर भोजन नाश्ता बनाने और खिलौने का काम वहां पूर्व से गठित महिला स्व सहायता समूह से छींन कर आंगनबाडी कार्यक्र्ता और सहायिकाओं को देने के लिए आदेश जारी किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के पोषण आहार से संबधित से इस आदेश का प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ विरोध करता है। मांग की गई कि इस व्यवस्था पर पुर्नविचार कर आदेश वापिस लिया जाये जिससे महिला बहिनों का रोजगार का साधन बना रहे। आंगनबाडी कार्यक्र्ता, सहायिका और ब्लाक स्तर से परियोजना अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से वास्तविक जानकारियां कम दी गई।
बच्चों के आंकडे पूर्व में भी कम दिये जा रहे थे। इसकी जानकारी दिल्ली स्तर तक गई है। इसी आधार पर यह तय किया गया है कि मध्य प्रदेश में कुपोषण स्तर सुधार की स्थिति खराब है और इसका हर्जाना गरीब और स्वयं सहायता समूह केा भुगतना पड रहा है। जब स्वयं स्व सहायता समूह भोजन दे रहे थे तब भी स्थिति नहीं सुधरी आने वाले समय में अगर सहायिका भोजन देती है तो कार्यकर्ता एवं सुपरवाइजर मिलकर उक्त व्यवस्था में भारी भ्रष्टाचार होने की संभावना प्रबल दिखाई देती नजर आ रही है। जैसे वर्ष २००७ में हुआ और अपने स्तर से मनमाने बिल लगायेंगे ऐसे में बच्चों को घर लाना और छोडना सही समय पर कैसे होगा। शासन द्वारा लिया गया निर्णय महिलाओं व समाज कल्याण के लिए नहीं हैं यह सिर्फ एक पक्ष को देखते हुए लिया गया है। सभी स्वहसहायता समूह की महिला बहिनों ने कहा कि जब तक आदेश वापिस नहीं लिया जाता है तब तक १६ जुलाई से किचिन बंद कर हडताल पर रहेंगे। स्वसहायता समूह एवं रसोईया बहिनें साथ ही सडकों पर आकर विरोध-प्रदर्शन करेगीं। यदि इस स्तर पर बात नहीं बनती तो अगला कदम जल सत्याग्रह का होगा और हडताल के बीच में किसी भी स्वसहायता समूह या रसोइया को हटाया गया तो राष्ट्रीय राजमार्ग में चक्काजाम किया जायेगा। ज्ञापन सौंपने वालों रेखा राज जिला उपाध्यक्ष प्रांतीय महिला स्वसहायता समूह महासंघ, ओम कुमारी जिला संगठन प्रभारी, मुन्नी सचिव सहित कई पदाधिकारी व महिला स्वसहायता समूह की बहिनें, रसोइयां उपस्थित रहीं।