पन्ना: २० वर्ष पूर्व बसाये गये टगरा गांव में पानी व बिजली की समस्या, जनपद पंचायत पन्ना की ग्राम पंचायत बिलखुरा का मामला

  • २० वर्ष पूर्व बसाये गये टगरा गांव में पानी व बिजली की समस्या
  • जनपद पंचायत पन्ना की ग्राम पंचायत बिलखुरा का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-08 08:01 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। ग्रामीण विकास के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार अपने सालाना बजट में करोडों रूपए का प्रावधान करती है गांव-गांव तक पहुुंच मार्ग का निर्माण हो, वहां पर रहने वाले लोगों के लिए पानी की सुविधा हो लेकिन पन्ना जिले के अंदर ऐसे बहुत सारे गांव है जहां पर इन मूलभूत सुविधायें भी अभी तक नहीं पहुंच पाई है। आज ऐसा ही एक मामला पन्ना जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बिलखुरा के ग्राम टगरा में देखने में आया है जिस गांव को बसे हुए लगभग २० वर्ष हो गए लेकिन अभी तक यहां पर पानी व बिजली की सुविधा समुचित रूप से नहीं हो पाई है इस गांव में आदिवासी, यादव व पटेल समाज के लोगों की आबादी है और २०० से ३०० लोगों की इस बस्ती में पानी के लिए दो हैण्डपम्प तो लगे हुए हैं लेकिन उसमें पानी आधा घण्टे की मशक्कत के बाद एक डिब्बा ही निकल पाता है जिसमें यहां के लोगों को पानी के लिए सुबह से लेकर रात तक हैण्डपम्प में बार-बार जाना पडता है यही हालत बिजली की है। गांव वालों ने मुख्य सडक से विद्युत का तार वहां तक डाल रखा है जिससे जुगनु की तरह बल्ब तो जल जाते हैं लेकिन कोई और उपकरण का उपयोग नहीं हो सकात है।

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यह हाल तो पन्ना-पहाडीखेरा मार्ग में बसे बिलखुरा ग्राम से सटे टगरा का है जो दुर्गम क्षेत्र के गांव है वहां के हालात तो और भी खराब है। दोनों हैण्डपम्पों की स्थिति खराब है उसमें पानी नहीं निकल रहा है गांव की बडी बहु पटेल व रिबन आदिवासी बतलाती है कि हम लोगों के गांव में पानी की समस्या विकट है इस समस्या को बतलायें तो कोई सुनते नहीं हैं। पानी हैण्डपम्प से नहीं आता है इसके अलावा और कोई साधन नहीं है जहां पर हैण्डम्प लगे हुए हैं यहां से हम लोगों का घर दूरी पर है सुबह से उठते ही यहां पानी लाने का कार्य शुरू हो जाता है जैसे पानी एक डिब्बा मिल जायेगा उसी हिसाब से हमारे घर के लोग निस्तार करते हैं टगरा के ६० वर्षीय शिव सिंह यादव जो साइकिल से डिब्बे टांगकर पानी भरने जा रहे थे उनसे पूंछने पर उन्होंने बतलाया कि गर्मी अभी शुरू हुई है जब अभी हालत यह है तो आगे क्या स्थिति होगी पूरा गांव परेशान है। यहां पर नाला है जिसमें बांध का पानी बहकर आ रहा है जिससे पशु पक्षी अपनी प्यास बुझा रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि हम लोगों को हैण्डम्प के अलावा कोई पानी का साधन नहीं हैं और वह भी नहीं चल रहे हैें जितना पानी निकलना चाहिए वह नहीं निकल पा रहा है। बुजुर्ग श्री यादव ने इस विकट समस्या के निराकरण की कलेक्टर व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मांग की है।

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इनका कहना है

मेरे द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है वह आबादी के हिसाब से हैण्डपम्प का हवाला देकर कह रहे हैं कि जितनी आबादी है उस हिसाब से एक हैण्डपम्प होना चाहिए फिर भी वहां पर दो है। गर्मी में पानी का स्तर नीचे चला जाता है इस कारण से कम पानी निकल रहा है उसमें पाइप बढाने के लिए विभाग से आग्रह किया है उन्होंने बोला है जिस दिन इस तरफ पीएचई की गाडी आयेगी दोनों हैण्डपम्पों में दो-दो पाइप और डाल दिये जायेंगे जिसमें पानी आने लगेगा।

परेश सरकार

सचिव ग्राम पंचायत बिलखुरा जपं पन्ना

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हीरापुर टपरियन में पानी की किल्लत प्रायवेट बोर के भरोसे रहवासी

नगर पालिका परिषद के वार्ड क्रमांक २६ अंतर्गत हीरापुर टपरियन में पानी की समस्या है यहां के शासकीय बोर खराब है जिससे यहां के लोगों को इस समस्या से परेशान होना पड रहा है उनके द्वारा नगर पालिका के अधिकारी व स्थानीय पार्षद को जानकारी दी कुछ दिनों तक पानी के टैंकर से सप्लाई की गई लेकिन वह भी अभी बंद है। यहां के निवासी आदिवासी एकता मंच के अध्यक्ष अरविन्द कौंदर अपने प्रायवेट बोर से लोगों को एक घण्टे सुबह और एक घण्टे शाम को उपलब्ध करा रहे हैं। यह आज नहीं कर रहे वह ३-४ वर्षों से लगातार पानी देने का काम कर रहे हैं। श्री कौंदर ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि बिगडे पडे शासकीय बोरवेल सुधार करवाये जायें जिससे हीरापुर टपरियन के लोगों को गर्मियों के दिनों में परेशान न होना पडे। 

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