पन्ना: पिकअप से बूचड़खाना ले जाये जा रहे चार नग गौवंश को पुलिस ने किया बरामद
- पिकअप से बूचड़खाना ले जाये जा रहे चार नग गौवंश को पुलिस ने किया बरामद
- पिकअप वाहन को भी पुलिस ने किया जप्त
- चालक सहित दो आरोपी गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना कोतवाली की सिविल लाईन चौकी पुलिस द्वारा पिकअप वाहन में ठूंस-ठूंसकर कसाई खाने के लिए चार नग गौवंश बछडों को बरामद करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की कार्यवाही की गई। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों पिकअप चालक बाल्मीत साकेत पिता स्वर्गीय प्रेमलाल साकेत उम्र 22 वर्ष निवासी कडय़ार टीकर थाना इमलिया जिला सीधी तथा उसके साथी क्लीनर मोरधधर सोनी पिता स्वर्गीय राजमण सोनी उम्र 42 वर्ष निवासी खड़बड़ा थाना इमलिया जिला सीधी को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजे जाने की कार्यवाही की गई। सिविल लाइन चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक शक्ति प्रकाश पाण्डेय ने कार्यवाही के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि २ जून को सूचना प्राप्त हुई कि पिकअप वाहन से अजयगढ से ग्राम पटी के रास्ते आ रहा है जिसमें गौवंश के बछड़े ठूंस-ठूंसकर भरे हुए हैं जिन्हें वध करने के उद्देश्य से बूचड़ाखाने ले जाया जा रहा है। सूचना की तस्दीक एवं कार्यवाही के लिए स्टॉफ को तैयार किया गया तथा कार्यवाही के लिए पुलिस टीम पहुंची तथा वाहन की चेकिंग लगाई गई चेकिंग के दौरान एक पिकअप वाहन दहलान चौकी तरफ से ग्राम पटी के रास्ते लाईट जलती हुई आते दिखाई दी जिसे रोककर वाहन चालक एवं उसके साथी क्लीनर से पूंछताछ कर उनके संबंध में जानकारी ली गई तथा पिकअप वाहन को पीछे से खुलवाकर देखा गया तो उसमें चार नग बैल ठूंस-ठूंसकर क्रूरता पूर्वक भरे पाये गये जो बैलों के परिवहन एवं ले जाने के संबंध में वाहन चालक एवं क्लीनर द्वारा परिवहन के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं होना एवं पशुओं को बूचडख़ाना ले जाना बताया गया।
पिकअप का नंबर का देखा गया तो वाहन में कोई नंबर लेख होना नहीं पाया गया। वाहन संबधी कोई दस्तावेज न होना बताये गए तथा मौके से उपरोक्त समक्ष गवाहान पंचनामा एवं जप्ती पत्रक तैयार कर हमराही बल एवं गवाहों की मदद से चार नग बैलों को सुरक्षार्थ गौशाला नगरपालिका पन्ना में रखा गया। पकडे गए दोनों आरोपियों के विरूद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा ११(१)(घ) मध्य प्रदेश गौवंश प्रतिषेघ अधिनियम की धारा ४, ६, ९ तथा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा ६६/१९२, ८१/१७७ के तहत प्रकरण दर्ज किया गया एवं दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया तथा गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय मेंं पेश किया गया। जहां से न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजे जाने की कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही में प्रधान आरक्षक लक्ष्मी नारायण, आरक्षक अनुराग गोस्वामी, रामगोपाल आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।