लोकायुक्त का छापा: बीपीएल के लिए रिश्वतखोरी के मामले में पकडा गया पटवारी

  • बीपीएल के लिए रिश्वतखोरी के मामले में पकडा गया पटवारी
  • हितग्राही के पिता से पांच हजार रूपए लेते लोकायुक्त पुलिस ने की कार्यवाही

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-09 08:06 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले में गरीबी रेखा की सूची में नाम जोडे जाने के एवज में रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे हैं। पांच माह पूर्व ९ अगस्त २०२३ को जिले के तहसील मुख्यालय रैपुरा में लोकायुक्त पुलिस द्वारा बीपीएल के मामले में रिश्वतखोरी के मामले में सदर पटवारी रामअवतार वर्मा और कम्प्यूटर ऑपरेटर भागीरथ सेन को १८ हजार रूपए की रिश्वत लिए जाने के मामले में कार्यवाही करते हुए पकडा गया था। जिसके बाद आज फिर से बीपीएल के मामले में रिश्वतखोरी करते हुए लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा आज छापामार कार्यवाही करते हुए पन्ना जिले के सिमरिया तहसील के मोहन्द्रा से तीन किमी दूर ग्राम कुंवरपुर स्थित आंगनबाडी केन्द्र में पटवारी हल्का के बने अस्थाई कार्यालय में छापामार कार्यवाही करते हुए हल्का पटवारी, हल्का नंबर २७ कुंवरपुर में पदस्थ पटवारी अशोक प्रजापति को पांच हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए पकडकर कार्यवाही की गई। लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई इस कार्यवाही के संबध में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार फरियादी जालम सिंह ठाकुर निवासी ग्राम कुंवरपुर तहसील सिमरिया के पुत्र महेन्द्र सिंह द्वारा गरीबी रेखा की सूची में शामिल होने के लिए तहसीलदार को आवेदन किया गया था। आवेदक के आवेदन में पटवारी की सर्वेक्षण रिपोर्ट दर्ज किए जाने की कार्यवाही की जानी थी। यह काम हल्का पटवारी द्वारा नहीें किया जा रहा था।

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पटवारी की रिपोर्ट के लिए जालम सिंह ठाकुर द्वारा हल्का पटवारी से सम्पर्क किया गया तो उसके द्वारा इसके लिए रूपए की मांग की गई। जिससे परेशान होकर जालम सिंह द्वारा लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सागर को गत माह शिकायत की गई। जिस पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा सत्यापन की कार्यवाही करवाई गई। सत्यापन की कार्यवाही में यह सामने आया कि पटवारी द्वारा अगले माह आवेदक को बुलाया गया है। जिस पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा कार्यवाही के लिए योजना तैयार की गई और आज योजना के अनुसार सागर से लोकायुक्त पुलिस की टीम उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त श्रीमती मंजू सिंह, निरीक्षक बी.एम. द्विवेदी, अभिषेक वर्मा तथा लोकायुक्त के स्टॉफ के साथ पहुंची और देर शाम को ग्राम कुंवरपुर पहुंचकर शिकायतकर्ता के साथ पूरी योजना तैयार कर रिश्वत की रकम देने के लिए पटवारी द्वारा आंगनबाडी केन्द्र में बनाये गए अस्थाई हल्का कार्यालय भेजा गया तथा कार्यवाही के लिए लोकायुक्त की टीम आसपास मौजूद होकर अलर्ट हो गई।

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शिकायतकर्ता पटवारी की मांग के अनुसार थैले में दाल तथा रिश्वत की रकम पांच हजार रूपए लेकर उसके कुंवरपुर स्थित अस्थाई कार्यालय में पहुंचा जहां पर आरोपी पटवारी द्वारा रिश्वत की रकम थैले में रख देने की बात कही गई। जिस पर आवेदक द्वारा थैले में रिश्वत की रकम पांच हजार रूपए रखते हुए उसे दे दी गई और इसके बाद जैसे रिश्वत लिए जाने की पुष्टि बाहर तैनात लोकायुक्त पुलिस टीम को हुई लोकायुक्त पुलिस टीम द्वारा दबिश देते हुए पटवारी को घेराबंदी करते हुए पकड लिया गया तथा दाल के थैले के साथ उसमें रखी गई पांच हजार रूपए की रिश्वत की रकम जप्त की गई। लोकायुक्त पुलिस टीम द्वारा प्रांरभिक कार्यवाही पूरी करते हुए पटवारी को कुंवरपुर से मोहन्द्रा चौकी लाया गया जहां पर ट्रेप की कार्यवाही की प्रक्रिया पूरी की गई। लोकायुक्त निरीक्षक सागर बी.एम. द्विवेदी ने बताया कि आरोपी पटवारी अशोक प्रजापति हल्का कुंवरपुर तहसील सिमरिया के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।

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बीपीएल के प्रकरणों में पटवारियों से जांच करवाते हैं तहसीलदार

बीपीएल सूची में नाम जोडे जाने अथवा ऐसे व्यक्ति जिनके नाम गलत जुडे हैं उनके नाम काटे जाने हेतु दावा-आपत्ति की प्रक्रिया निर्धारित हैं। इस प्रक्रिया के तहत दावा-आपत्ति करने वाले ग्रामीण क्षेत्र के व्यक्तियों अथवा परिवार के मामले में आवेदन के लिए विहित पदाधिकारी तहसीलदार हैं। तहसीलदारों द्वारा बीपीएल आवेदन प्रकरणों की जांच का कार्य पटवारियों से करवाया जाता है और इसको लेकर स्थिति यह है कि इस प्रक्रिया के दौरान बीपीएल सूची में नाम जोडने को लेकर रिश्वतखोरी का बोलबाला है। जिले में लगातार बीपीएल को लेकर रिश्वतखोरी के मामले और शिकायतें सामने आ चुकीें हैं। इसके बावजूद बीपीएल में नाम जोडने जाने को लेकर पारदर्शी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही नहीं हो रही है और गरीब आवेदक जब तक रिश्वत की रकम नहीं चुका पाते उनका नाम जुड पाना उनके लिए टेढी खीर बना हुआ है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि आर्थिक रूप से सम्पन्न व प्रभावशाली व्यक्ति अपनी आर्थिक क्षमताओं का इस्तेमाल कर गरीबी रेखा की सूची में नाम जुडवाकर शासन की अनेक महत्वकांक्षी योजनाओं का धडल्ले से लाभ उठा रहे हैं। 

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