Panna News: दिन में दो बार लगता है राजकीय मार्ग में जाम, हार में न भेजकर सड़क से चरने के लिए भेजी जाती हैं गौसदन की गायें
- दिन में दो बार लगता है राजकीय मार्ग में जाम
- हार में न भेजकर सडक से चरने के लिए भेजी जाती हैं गौसदन की गायें
Panna News: पन्ना-कटनी राजकीय राजमार्ग में पवई से ०६ किमी आगे कई वर्षों से विद्यासागर गौसदन का संचालन किया जा रहा है। इसमें रह रहे पशुओं के लिए जैन समाज के अलावा अन्य समाजों व समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा मदद पहुंचाई जा रही है बांकी गौसदन में रहने वाली गायों को खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में भूसा, चारा आदि मिल सके लेकिन यहां की स्थिति अच्छी नहीं है। जैसा रखरखाव व व्यवस्था होनी चाहिए वह भी नहीं हैं। गौ सदन में सैकडों की संख्या में गाय हैं इसी गौसदन के पीछे कैमुरिया हार, मगरपुरा, शिकारपुरा हार, जूही हार हैं लेकिन गायों को गौसदन संचालन करने वालों के द्वारा वहां चरने के लिए नहीं भेजा जाता है। सुबह के समय गौसदन के गौवंश को मुख्य सडक घाट में छोड दिया जाता है जहां से वह जंगल की ओर चरने के लिए जायें जिससे यह कटनी मार्ग जाम हो जाता है। जिसके कारण लोगों को परेशान होना पडता है। यही स्थिति शाम के ०४ बजे के लगभग निर्मित होती है। जब गौसदन के गौवंश वापिस आते हैं कई बार तो सडक र्दुघटनायें भी घटित हो जाती हैं लेकिन इसके बावजूद गायों को यही से जंगल की ओर से भेजा जाता है जो कतई उचित नहीं हैं।
ऐसा ही बीते सुबह करीब ०९ बजे से १० बजे के बीच हुआ जब पूरी सडक पर गायों के झुण्ड के झुण्ड आ गये और उनके कारण पूरा मार्ग जाम हो गया। इस जाम में दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गईं जिससे उसमें फंसे बस यात्रियों, चारपहिया व एम्बूलेंस में इलाज के लिए जा रहे मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पडे। भारी मशक्कत के बाद वह जाम खुल सका। आये दिन इस प्रकार की स्थिति निर्मित होने के बाद भी स्थानीय राजस्व व पुलिस प्रशासन को इसमें हस्ताक्षेप करते हुए गौसदन की जिम्मेदारी सम्भाल रहे लोगों को इस बात की हिदायत दिए जाने की आवश्यकता है कि गौसदन की पशुओं को सडक मार्ग के द्वारा न भेजकर उन्हें पीछे से नीचे के नीचे हार में चरने के लिए भेजा जाये ताकि उनकी जान को सुरक्षित किया जा सके व रोज जो इस व्यस्तम मार्ग में एक हजार से अधिक वाहन निकलते हैं उनको भी जाम की समस्या से निजात मिल सके। एक तरफ मध्य प्रदेश की ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण कराया जा रह है। वहीं दूसरी ओर पवई के प्राचीन गौशाला की स्थिति अच्छी नहीं हैं। यहां पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। गौवंश को किसी भी तरह का नुकसान न हो इसके लिए चिंता करने की आवश्यकता है। सडक र्दुघटनाओं में काल के गाल में न समायें उन्हें पर्याप्त मात्रा में आहार मिले, चिकित्सीय उपचार मिले इसकी भी नियमित मॉनीटरिंग किये जाने की जरूरत है।