Panna News: वर्षाें से काबिज होकर निवासरत ग्रामीणों ने आबादी भूमि घोषित करने की रखी मांग
- वर्षाें से काबिज होकर निवासरत ग्रामीणों ने आबादी भूमि घोषित करने की रखी मांग
- ग्राम पंचायत पहाडीखेरा द्वारा पूर्व में पारित किया जा चुका है ग्राम सभा में प्रस्ताव
Panna News: ग्राम पहाडीखेरा स्थित पहाडीखेरा-पन्ना मार्ग से लगी हुई शासकीय आराजी भूमि जो कि गोचर भूमि के रूप में शासकीय अभिलेख में दर्ज है। करीब एक सैकड़ा से अधिक लोग इस क्षेत्र में काबिज होकर वर्षाे से निवासरत है और वर्तमान में एक मोहल्ले जिसे जमुनहाई के नाम से पुकारा जाता है कि बसाहट के रूप में बदल चुका है परंतु भूमि का स्वरूप जो कि खसरा क्रमांक ३५९ का जुज रकवा ०.५० हेक्टेयर के लगभग है अभिलेख में गोचर भूमि के रूप में दर्ज है जिसके चलते निवासरत ग्रामीणों को आवासीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है साथ ही साथ भूखण्ड स्वामी के रूप में भी उनका नाम अभिलेखों में दर्ज नहीं हो पा रहा है जिसके चलते ग्रामीणों को हमेशा बेघर होने का खतरा भी बना हुआ है और बेघर होने की आशंका से ग्रामीण चिंताओं से घिरे हुए है और उनके द्वारा विगत वर्षाे से उनके आवासीय क्षेत्र स्थित भूमि को गोचर भूमि से परिवर्तित किए जाने की मांग की जा रही है इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा सामूहिक रूप से एकत्र होकर ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती संगीता मिश्रा सहित पंचायत प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी मांग रखी गई जिस पर ग्राम पंचायत की सरपंच सहित पंचायत प्रतिनिधियो द्वारा सहमति जाहिर की गई तथा पंचायत द्वारा इस संबंध में अपनी ओर से सभी आवश्यक कार्यवाही किए जाने का भरोसा दिलाया गया।
ग्राम पंचायत द्वारा इस संबध में बताया गया कि ग्रामीणों की इस मांग पर पंचायत द्वारा ग्राम सभा की बैठक दिनांक १४ अप्रैल २०२३ को पूर्व में आयोजित की गई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है। ग्रामसभा की बैठक में प्रस्ताव के संबंध में मनोज सोनी द्वारा प्रस्ताव रखा गया था और इसका समर्थन ग्राम सभा सदस्य देवी सिंह द्वारा किया गया था जिस पर सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया था कि ग्राम पहाडीखेरा के खसरा क्रमांक ३५९ रकवा ९.१७ हैक्टेयर जो पूर्व से चारागाह के रूप में दर्ज है किन्तु विगत १२-१५ वर्षाे से ग्रामवासियों द्वारा मकान बनाकर निवास किया जा रहा है जिससे सभी मकानों में विद्युत कनेक्शन एवं नल कनेक्शन भी दिए गए है परंतु आबादी घोषित न होने के कारण अन्य योजनाओं निवासरत ग्रामीण परिवार वंचित है। ऐसे में खसरा क्रमांक ३५९ के जुज रकवा ९.१७० हैक्टेयर के अंश भाग ०.५० हैक्टेयर की भूमि को चारागाह भूमि से पृथक कर आबादी भूमि घोषित किया जाये जिससे वर्षाे से निवासरत ग्रामीणों की चिंतायें है वह दूर हो तथा आवासी योजनाओं सहित अन्य योजनाओ से उन्हें लाभान्वित किया जा सके।
ग्रामसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से तहसील कार्यालय पन्ना भेजे जाने का भी कार्यवाही में उल्लेख किया गया था किन्तु करीब एक साल से भी अधिक समय गुजर जाने के बावजूद भूमि का स्वरूप परिवर्तित किए जाने का प्रस्ताव जो ग्रामसभा में पारित हुआ था और ग्रामीणों द्वारा इस संबंध में समय-समय पर राजस्व विभाग के अधिकारियों तक भी अपनी बात मांग पत्रों के माध्यम से पहुंचाई जा चुकी है किन्तु इस संबंध में कार्यवाही नहीं हुई है। पहाडीखेरा ्रग्राम पंचायत जो कि एक बडे कस्बे के रूप में विकसित हो रहा है और आने वाले समय में ग्राम पंचायत के नगरीय निकाय के रूप में परिर्वर्तित होने की संभावनायें प्रबल हो रही है। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि समय पर पंचायत द्वारा जो प्रस्ताव पारित हुआ है उस पर कार्यवाही की जाये।