Panna News: समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में सिकमी पंजीयन निरस्त होने से किसान परेशान, तहसीलदार पर बिना जांच के पंजीयन को असत्यापित किए जाने का आरोप
- समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में सिकमी पंजीयन निरस्त होने से किसान परेशान
- तहसीलदार पर बिना जांच के पंजीयन को असत्यापित किए जाने का आरोप
Panna News: समर्थन मूल्य पर ऐसे किसान जो कि मूल भू धारक किसानों से ठेके पर अथवा बटाई पर अनुबंधन कर खेत करते है इस तरह के किसानों का मूल भू-धारक किसान के साथ निर्धारित प्रोफार्मा में किए गए अनुबंधन को प्राप्त कर समर्थन मूल्य पर उपज खरीदी के लिए शासन द्वारा प्रक्रिया निर्धारित की गई है और जिसके तहत सिकमी किसान का पंजीयन बनाये गए पंजीयन केन्द्रों में किया जाता है और इसके सत्यापन की कार्यवाही तहसीलदार द्वारा की जाती है जिससे सिकमी किसानों की उपज समर्थन ूमूल्य पर खरीदी जा सके और खेती करने वाले सिकमी किसान इससे लाभान्वित हो किन्तु इस वर्ष पन्ना तहसील अंतर्गत जिन पंजीयन केन्द्रों में सिकमी किसानों द्वारा धान की फसल उपार्जन मूल्य पर विक्रय हेतु करवाया गया था ऐसे किसानों के सत्यापन की कार्यवाही में तहसीलदार द्वारा आनलाइन सिस्टम में पंजीयन को असत्यापित करते हुए निरस्त कर दिया गया है जिसके चलते पहाडीखेरा क्षेत्र अंचल की सोसायटियों सिलधरा, बृजपुर, लक्ष्मीपुर सहित तहसील क्षेत्र में स्थापित सभी किसान पंजीयन केन्द्रो में सिकमी पंजीयन कराने वाले सैकडो की संख्या में हडक़ंप मचा गया है।
तहसीलदार द्वारा आनलाइन पंजीयन को असत्यापित कर दिए जाने से सिकमी किसान पंजीयन निरस्त हो गए है और ऐसे में सिकमी किसान फसल के रूप जो धान की खेती हुई है उसे समर्थन मूल्य उपार्जन के अंतर्गत खरीदी केन्द्रो में जमा नही कर सकेगें और इसके चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पडेगा और उन्हें अपनी फसल व्यापारियों और दलालों को औंन-पांैने भाव में मजबूर होकर बेचनी पडेगी। पंजीयन असत्यापित हो जाने की जानकारी सामने आते ही परेशान किसान निरस्त हुए पंजीयन को पुन: यथावत करते हुए सत्यापित किए जाने को लेकर राजस्व् अधिकारियों के साथ अपने जनप्रतिनिधियों तक पहुंचकर गुहार लगा रहे हैं किन्तु उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है सिकमी पंजीयन कराने वाले किसानों का कहना है कि तहसीलदार द्वारा उनके द्वारा वैध दस्तावेजों के साथ सिकमी पंजीयन के लिए पंजीयन केन्द्रों मेंं आपरेटरों को आवेदन पत्र देकर करवाए गए आनलाइन पंजीयन बिना जांच के असत्यापित कर निरस्त कर दिया गया है जबकि उचित यह है कि जिन किसानों के सिकमी किसान पंजीयन है उनके आवेदनो की जांच करवाई जाये यदि कहीं पर को शक है तो भू धारक किसान के कथन भी जांच के दौरान लिए जा सकते है और इस तरह से वास्तविक और सही पात्र सिकमी किसान पंजीयन कराने वाले किसानों के पंजीयन को बहालकर सत्यापित किया जाये जिससे वह अपनी धान की फसल को समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्रो में जाकर विक्रय कर सके।
इनका कहना है
मैंने ठेके में जमीन लेकर धान की फसल बोई थी जिसकी अब कटाई और गहाई भी हो चुकी है हर वर्ष की तरह अनुबंध पत्र के साथ आवेदन देकर सोसायटी के पंजीयन केन्द्र में पंजीयन कराया गया था जो कि तहसीलदारा द्वारा असत्यापित कर दिया गया है ऐसे में वह अपनी फसल समर्थन मूल्य नहीं बेच पायेगा जो कि गलत है और मुझे बडा नुकसान उठाना पडेगा।
द्वारिका मिश्रा, कृषक ग्राम इटौरा
प्रशासन द्वारा किसान पंजीयन के लिए सिलधरा सोसायटी को पंजीयन केन्द्र बनाया गया था जहां पर मैंने ठेके पर दो भू-स्वामियो से बराहोकुदकपुर में ली गई खेती के लिए जमीन पर बोई गए फसल धान का पंजीयन कराया गया था जो बिना जांच के असत्यापित कर दिया गया है ऐसे में वह जो धान खेती में हुई है उसे भारी नुकसान उठाकर बेचने के लिए मजबूर हो गया है। बेहतर होगा कि सिकमी पंजीयन की जांच कर पंजीयन बहाल किया जाये।
श्रीपत तिवारी, निवासी बृजपुर
गहने रखकर खेती करने के लिए ठेके पर हमने जमीन ली थी जिसमें धान की फसल हमारे द्वारा बोई गई थी जो कि कट चुकी है हम इंतजार कर रहे थे कि समर्थन मूल्य पर खरीदी जब शुरू होगी तो वहां अपनी फसल को विक्रय के लिए जमा कर देगें किन्तु हमारे द्वारा उपार्जन के लिए कराया गया सिकमी पंजीयन निरस्त कर दिया गया है अब वह अपनी फसल समर्थन मूल्य कैसे बेच पाएगें।
रावेन्द्र कुमार तिवारी, कृषक पहाडीखेरा
मैंने अमरहिया हार में ठेके पर जमीन ली थी धान का पंजीयन कराया था जो कि निरस्त कर दिया गया है कोई जांच भी नहीं की जो कि गलत है और ऐसे किसान जो कि ठेके पर खेती लेकर पसीना बहाते है उन्हें शासन के आदेश भी परेशान करते हुए नुकसान पहुंचाया जा रहा है जो कि उचित नहीं हैं।
रामविलास पाल, कृषक पहाडीखेरा
समर्थन मूल्य पर उपार्जन की प्रक्रिया अंतर्गत बटाईदार/ सिकमी किसानो के पंजीयन के संबंध में वर्ष २०१६ में शासन द्वारा जारी किए गए पत्र में इस बात का उल्लेख है कि बटाईदार/ सिकमी किसानो को भू-स्वामी के साथ वैध अनुबंंध पत्र के साथ किसान पंजीयन का आवेदन की एक प्रति अपने क्षेत्र मे तहसीलदार के यहां जमा करनी चाहिए तथा तहसीलदार से आवेदन को अग्रेषित करवाकर निर्धारित पंजीयन केन्द्र में सिकमी पंजीयन करना चाहिए जिन किसानो द्वारा प्रक्रिया अनुसार बटाईदार/ सिकमी के पंजीयन कराये गए है उन्हें सत्यापित किया गया है जिन्होने सीधे आवेदन पंजीयन केन्द्रों मेंं ही जमा किए है ऐसे किसानों के नियमानुसार सिकमी पंजीयन असत्यापित किए गए हैं।
अखिलेश प्रजापति, तहसीलदार पन्ना