Panna News: भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल, निजी निर्माण कार्याे में उपकर की वसूली को लेकर श्रम विभाग उदासीन

  • भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल
  • निजी निर्माण कार्याे में उपकर की वसूली को लेकर श्रम विभाग उदासीन
  • जांच कार्यवाही नहीं होने से लाखों रूपए के उपकर की भवन निर्माता कर रहे हैं चोरी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-21 09:51 GMT

Panna News: मध्य प्रदेश भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के कल्याण के लिए अनेक योजनायें संचालित की जाती है। इन कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के लिए भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल द्वारा सभी शासकीय निर्माण कार्याे के साथ ही वह अशासकीय निर्माण कार्य जिनकी न्यूतम लागत १० लाख से अधिक है उपकर की राशि निर्माण एजेंसी से वसूल किए जाने का प्रावधान है। शासकीय निर्माण कार्याे से तो निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल को उपकर राशि प्राप्त हो रही है परंतु अशासकीय निजी संस्थाओं एवं निजी तौर पर व्यक्तियों द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्याे जिसमें १० लाख रूपए से अधिक लागत पर नियमानुसार निर्माण लागत की ०१ प्रतिशत राशि भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल में जमा होनी चाहिए इसको लेकर जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते निजी निर्माण क्षेत्र से भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल को राशि प्राप्त नहीं हो रही है। जिला स्तर पर श्रम विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि समय-समय पर निर्माण कार्याे का निरीक्षण करते हुए शासकीय क्षेत्र के साथ ही अशासकीय क्षेत्रों के निजी निर्माण कार्याे की उपकर राशि जमा कराया जाना सुनिश्चित की जाये परंतु श्रम विभाग की स्थिति यह है कि अशासकीय निजी क्षेत्रों में १० लाख रूपए से अधिक निर्माण कार्याें पर विभाग के अधिकारी श्रम निरीक्षक ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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जबकि पन्ना शहर में ही बीते छ: सालों के दौरान सैकडों की संख्या में ऐसे निर्माण कार्य होटल, काम्पलेक्स, शिक्षण संस्थानों का निर्माण कार्य हुआ है जिनकी लागत करोड़ों रूपए तक ही है किन्तु ऐसे निर्माण कार्याे में उपकर की राशि को लेकर जो जानकारियां सामने आ रही है अशासकीय निजी निर्माण कार्याे से उपकर की राशि की वसूली को लेकर विभाग द्वारा न तो ही जांच कार्यवाही की जा रही है और न ही सालों-साल बाद भी उपकर की राशि चोरी करने वाले निर्माताओं के विरूद्ध विभाग स्तर पर प्रकरण तैयार किए जा रहे है स्थिति यह है कि उपकर की चोरी करने वाले निर्माताओं को नोटिस तक जारी नही किए जा रहे है जिसके चलते निजी क्षेत्र के निर्माण कार्य में उपकर के रूप जो राशि श्रमिकों के कल्याण हेतु प्राप्त होनी चाहिए व अशासकीय निजी क्षेत्रो में निरंक बनी हुई है।

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कालोनियों में बने चुके हैं आलीशान मकान

बीते दशक के दौरान पन्ना शहर का तेजी के साथ विकास हो रहा है कई नई कालोनियां बनकर तैयार हो रही है इन कालोनियों में प्लाट लेने वाले लोगों द्वारा आलीशान मकान बनाये जा रहे हंै जिनको नजर देखकर ही यह समझा जा सकता है कि बडी संख्या में कालोनियों में जो भवन बने हैं उनके निर्माण की लागत ५० लाख और इससे भी अधिक है। ऐसे सभी भवन निर्माताओं से नियमानुसार निर्माण लागत का आकंलन कर भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल में जमा होनी चाहिए किन्तु शहर के व्हीआईपी पास कालोनियों पर भी श्रम विभाग की नजर नही है। कालोनियों में जो निर्माण कार्य हुए है उनमें उपकर की वसूली एवं जांच निर्धारण को लेकर विभाग उदासीन बना हुआ है।

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इनका कहना है

यही सही है समस्त अशासकीय एवं निजी निर्माण कार्याे में जिसकी निर्माण कार्य लागत १० रूपए से अधिक है भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल की ०१ प्रतिशत निर्माण की राशि उपकर के रूप मेें देय है। अशासकीय क्षेत्रों के निर्माण कार्याें का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है कुछ प्रकरण में नोटिस जारी किए गए है कार्य की अधिकता होने की वजह से इसे एक अभियान के रूप में जांच नहीं हो पा रही है। नगरीय निकायों एवं ग्राम निकायों को निर्देश है कि निर्माण की मंजूरी देने के समय निर्माण के स्टीमेट के अनुसार उपकर की ०१ प्रतिशत कर भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मण्डल में जमा करवाई जाये।

भूपेन्द्र आर्य, श्रम निरीक्षक श्रम विभाग पन्ना  

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