Panna News: पन्ना जिले की चारों ओर सीमाओं के बीच फंसा सतना जिले का एक गांव, गांव से पंचायत ही बीस किमी दूर
- पन्ना जिले की चारों ओर सीमाओं के बीच फंसा सतना जिले का एक गांव
- सतना की मझगवां तहसील अंतर्गत में स्थित है झाली गांव
- पंचायत स्तर के कामकाज को लेकर भी आदिवासी ग्रामीण परेशान
Panna News: सीमाओं के निर्धारण के समय हुई विसंगतियों के चलते प्रदेश की अनेक तहसीलें विकासखण्ड एवं गांव है जहां के लोग दूरियां अधिक होने की वजह से अपने जरूरी कामकाज को लेकर लंबे समय से परेशानी का सामना कर रहे है साथ ही साथ ऐसे क्षेत्रों का समुचित विकास नही हो पा रहा है। गांवों को लेकर स्थिति यह है कि वर्षाे से वह जिस जिले, तहसील, ग्राम पंचायत का हिस्सा है उसी जिले तहसील एवं ग्राम पंचायत की गांव की स्थिति सौत की तरह बनी हुई है। तहसीलों, विकासखण्डों और गांवों को राजस्व सहित पुलिस एवं प्रशासनिक स्थिति के आधार पर लोगों की सुविधा के आधार पर सीमाओं के पुर्नगठन के लिए इन्हीं कारणों की वजह से सरकार द्वारा पुर्नगठन आयोग बनाकर इसकी प्रक्रिया शुरू की गई है लेकिन पुर्नगठन के कार्य को लेकर कार्य गति धीमी है और जिस तरह से काम हो रहा है इस तरह की स्थितियां बन रही है कि अवसर मिलने के बाद भी कई गांवों को न्याय नहीं मिल पायेगा।
पन्ना जिले की चारों ओर से सीमाओं से घिरे सतना जिले का एक गांव झाली कई दशकों से इसी समस्या का सामान करते हुए विकास, शिक्षा रोजगार के मामले में यहां पिछडा हुआ है वहीं गांव के लोग थाना, कचेहरी कोर्ट से संबंधित समस्याओं के लिए लंबी दूरी तय करने के लिए मजबूर होकर परेशान है और गरीब ग्रामीण की समस्या हल नहीं हो रही है। सतना जिले की झाली गांव की ग्राउण्ड रिपोर्ट की पडताल गांव पहुंचकर की गई तो गांव के लोगों की बदहाल स्थिति और कई तरह की परेशानियां निकलकर सामने आई है। समस्या अधिक होने और रोजगार नहीं होने के चलते गांव की आबादी का एक बडा हिस्सा पलायन करने के लिए मजबूर है।
ग्राम झाली से ग्राम पंचायत कुहारी है २० किलोमीटर दूर
झाली ग्राम जो कि सतना जिले की मझगवां तहसील का राजस्व गांव है पन्ना जनपद की ग्राम पंचायत पहाडीखेरा से महत डेढ़ किलोमीटर दूर समीवर्ती गांव है यह गांव पूरी तरह से पन्ना तहसील के गांवों पहाडीखेरा,हरद्वाही,जमुनिहा, दिया, कोठीटोल,झण्डा,नैगवां, शहपुरा, सिलधरा, बडी लुहराई, छोटी लुहराई के बीच स्थित गांव है इस तरह से पन्ना जिले की समीओ से घिरे झाली गांव का सतना से सिर्फ कागजी संबंध है। झाली गांव के लोग किस तरह से परेशान है इसी बात से समझा जा सकता है कि गांव जिस ग्राम पंचायत में शामिल है उस ग्राम पंचायत कुहारी दूरी ही गांव झाली से २० किलोमीटर है झाली गांव की आबादी लगभग ५५० है जिनमें २-३ ब्राह्मण परिवारो को छोडकर गांव में रहने वाले सभी ग्रामीण आदिवासी समाज के लोग है। जो कि अति छोटी-छोटी समस्ओ को लेकर परेशान है। झाली ग्राम सतना के मझगवां विकासखण्ड की ग्राम पंचायत कुंहारी का एक गांव है और ग्राम पंचायत मुख्यालय कुंहारी २० किलोमीटर दूर है जिसके चलते गांव के लोग अपने पंचायत स्तर पर होने वालो गांव की दूरी अधिक होने पर नही करवा पाते और कई बार चक्कर काटकर परेशान हो रहे है।
तहसील ३२ व थाना ३५ किलोमीटर दूर
राजस्व तथा अन्य समस्याओं को लेकर भी झाली गांव के लोग परेशान है झाली गांव मझगवां तहसील में शामिल है जिसकी दूरी गांव से लगभग ३२ किलोमीटर है। गांव का थाना बरौंधा लगता है जो कि ३५ किलोमीटर दूर स्थित है लोगों के इसके चलते जरूरत पडने पर पुलिस की आपातकालीन सेवायें समय पर नहीं मिल पाती। स्थानीय लोगों का कहना है कि पन्ना जिले में स्थित पहाडीखेरा जहां पर पुलिस चौकी है महज डेढ़ किलोमीटर है यदि हमारा गांव पन्ना जिले में शामिल होता तो तहसील और थाने की अधिक दूरी होने के चलते जो परेशानी हो रही है वह नहीं होती। इसी तरह जिला मुख्यालय को लेकर स्थिति है झाली गांव से जिला मुख्यालय सतना ६२ किलोमीटर दूर है जबकि पन्ना जिला मुख्यालय महज ४० किलोमीटर दूर स्थित है इसी तरह से झाली गांव के लोगो को जिले में स्थित कचेहरी, कलेक्ट्रेट सहित अन्य विभागो के कामकाजो के लिए लंबी दूर तय करनी पड रही है और गरीब आदिवासी अपनी समस्यायें ही जिला मुख्यालय में स्थित संबंधित जिला स्तरीय कार्यालय तक नही पहुंचा पाते।
झाली गांव में पीने के पानी की नहीं है व्यवस्था
झाली गांव की समस्याओं को लेकर गांव की भौेगोलिक स्थिति बाधक बनी हुई है और बुनियादी समस्याओं का लोगों को सामना करना पड रहा है गांव के लोगों को स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं हैं। तीन हैण्ड पम्प स्थापित किए गए जिनसे पानी नही निकल रहा है गांव के लोगो इसके चलते मजबूर में डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित दूसरे गांव शाहपुरा के एक कुए से पानी भरकर लाते है या तो गांव से कुछ दूर स्थित बरसात की छोटी सी नदी का पानी उपयोग करने के लिए मजबूर है।
पांचवी के बाद स्कूल छोड देते है गांव के अधिकांश बच्चे
ग्राम झाली की शिक्षा के मामले में स्थिति दयनीय है ज्यादातर आदिवासी, गरीब मजदूर गांव में काम नही होने यहां तक कि मनरेगा से भी काम नहीं होने के चलते पलायन कर जाते है साथ ही साथ छोटे बच्चों को भी ले जाते है। शिक्षा की व्यवस्था के नाम पर गांव में एक प्राथमिक पाठशाला है। जिसमें एक नियमित तथा एक अतिथि शिक्षक पदस्थ है दर्ज बच्चो की संख्या मात्र २७ है गांव के लोगो ने बताया कि गांव में पांचवी तक ही पाठशाला है जो बच्चे गांव में रहते है उनसे ज्यादतर बच्चे पांचवी से आगे की पढा़ई पूरी तरह से छोड देते है। प्राइमरी स्कूल में बोर हुआ था जिसकी मोटर सालो से खराब पडी हुई है बच्चो और शिक्षको को पानी की स्कूल में सुविधा नही है और छोटे-छोटे बच्चे इसके चलते पानी के लिए परेशान होता है।
पन्ना जिले में गांव के शामिल होने से समस्याओं के समाधान की उम्मीद
झाली गांव जो कि पन्ना जिले की सीमाओ से पूरी तरह से घिरा गांव है यहां के लोग वर्षाे से छोटी-छोटी समस्याओ को लेकर परेशान हो रहे है। दूरी २० किलोमीटर होने के चलते पंचायत तक ध्यान नही देती यदाकदा ही पंचायत सचिव अथवा रोजगार सहायक जब जरूरी काम हुआ तब इस गांव तक पहुंचते है तरह-तरह से समस्याओ से ग्रामीणो का कहना है हर दृष्टि से ग्राम झाली को सतना की जगह पन्ना जिले में शामिल किया जाना उचित है गांव से लगी पन्ना जनपद की किसी भी एक ग्राम पंचायत के गांव को शामिल किया जाये जिससे कोर्ट, कलेक्ट्रेट, पंचायत, थाने आदि की जरूरतो पर जो दूरियां अधिक होने से गांव के लोगो को परेशानी हो रही है उसका समाधान होगा साथ ही साथ गांव तक शासन के विकास रोजगार की योजनायें सही तरीके से पहुंचेगी।
दिनभर मजदूरी करने के लिए कहीं बाहर जाते है और शाम थककर वापिस लौटते है तो ग्राम से दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव शाहपुरा के पास कुआ से पानी भरकर लाना पडता है जहां तक जाने के लिए खेतो से होकर जाना पडता है और जिनके खेत है वे आए दिन नाराज हो जाते है इस तरह की स्थिति गांव की समस्याओ को लेकर जिम्मेदार ग्राम पंचायत तथा अन्य लोगो का अधिक दूरी पर होना बडा कारण है जिसके चलते पंचायत और विभागो के अधिकारी हमारे गांव की समस्याओ से सही तरीके से वाकिफ तक नही है बेहतर होता कि हमारे गांव को सतना की जगह पन्ना में शामिल कर दिया जाता है।
केशकली गौड़, ग्रामीण मजदूर महिला
अपने गांव में हमें छोटी-छोटी समस्याओ का सामना करना पडता है यदि बिजली खराब हो गई तो उसके बनने में १५ से २० दिन लग जाते है। पन्ना जाने पर बताया जाता है कि सतना के मझगवां से काम होगा और मझगवां जाते है तो लोग वहां भी ठीक से सुनते नही है। १५-१५ दिन तक इसके चलते कई बार बिजली ही ठीक नही हो पाती है गांव को पन्ना जिले में शामिल किया जाना चाहिए।
अशोक गौड़, ग्रामीण मजदूर
हमारे चारो तरफ पन्ना जिले के गांव है गांव की पंचायत ही २० किलोमीटर दूर है जबकि हमारे गांव से पन्ना जिले की ग्राम पंचायत पहाडीखेरा मात्र डेढ़ किलोमीटर दूर है यदि हमारे गांव को पहाडीखेरा ग्राम पंचायत में शामिल कर लिया जाये तो हमारी कई समस्यायें आसानी से हल हो जायेगी।
अटल बिहारी गौड, स्थानीय ग्रामीण
हमारे बच्चो को पढऩे के लिए मात्र पंाचवीं तक की ही सुविधा है हम लोग गरीब है उसके आगे बच्चो को बाहर भेजकर पढ़ा नही पाते है। गांव में रोजगार के साधन नही है और जमीन भी नही है। हमारी समस्याओ का समाधान नही हो रहा है हमारे गांव को पन्ना जिले में शामिल किया जाये।
राजाराम गौड़, स्थानीय ग्रामीण
इनका कहना है
मेरी पदस्थापना मझगवां तहसील में अभी-अभी हुई है, झाली गांव की स्थिति के संबध में मुझे जानकारी नहीं हैं। आपके माध्यम से जो जानकारी सामने आई है। गांव का सर्वे कराकर जो वस्तु स्थिति होगी उसकी रिपोर्ट भेजी जायेगी तदानुसार कार्यवाही होगी।
सौरभ द्विवेदी, तहसीलदार मझगवां जिला सतना