आउटसोर्स कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन
डिजिटल डेस्क, पन्ना। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स, अस्थाई एवं ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में सभी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स, अस्थाई एवं ठेका कर्मचारियों की मांगों के निराकरण के संबध में एक ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया। ज्ञापन में लेख किया गया है कि मध्य प्रदेश शासन के सभी विभागों में कार्यरत काफी संख्या में आउटसोर्स, अस्थाई एवं ठेका कर्मचारी अब तक के सबसे बडे अन्याय के शिकार है, जिन्हें न तो न्यूनतम वेतन मिलता है, न ही पीएफ जमा होता, कभी भी नौकरी से निकालने का संकट हमेशा बना रहता है। आउटसोर्स एजेंसियों की मनमानी, पीएफ जमा न करना, शासन के निर्देशों की अव्हेलना आम बात है। लोकतांत्रितक तरीके से अपनी मांगों की ओर से विभाग का ध्यान दिलाए जाने की सजा नौकरी से निकाल दिए जाने के रूप में मिलती है,
एमपीईबी के ११०० आउटसोर्स कर्मचारियों को आंदोलन करने पर निकाल दिया गया था। जिन्हें आज तक वापिस नहीं लिया गया। संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि सरकार सभी के लिए होती है सबके लिए समान रूप से कार्य करने की शपथ लेकर काम शुरू करती है। आउटसोर्स कर्मचारी भी संविदा कर्मचारी की श्रेणी में आते हैं, संविदा सम्मेलन में आपने इनका जिक्र तक नहीं किया। संघ द्वारा मांग की गई है कि आउटसोर्स, अस्थाई एवं ठेका कर्मचारियों का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन बुलाकर इनकी मांगों का निराकरण किया जाए। नौकरियों में आउटसोर्स कल्चर समाप्त कर कार्यरत कर्मियों का विभाग में संविलियन किया जाए। जन स्वास्थ्य रक्षक, गौसेवक, संविदा प्रेरक, सर्वेक्षण सहायकों एवं निकाले गए कर्मियों की सेवा बहाली की जाए। आउटसोर्स, अस्थाई एवं ठेका कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढाकर २१००० रूपए किया जाये, जिससे बढती मंहगाई से राहत मिल सके। इसके अलावा मुख्यमंत्री से संघ के प्रतिनिधि मण्डल से मिलने एवं सम्मेलन बुलाने का समय आवंटित कर सहयोग प्रदान करेंगे।