पन्ना: फाईलेरिया दवा का सामूहिक सेवन १० फरवरी से
- फाईलेरिया दवा का सामूहिक सेवन १० फरवरी से
- द्यालय, महाविद्यालय, कार्यालय, आंगनबाडी केन्द्रों में बूथ लगाया जाएगा
डिजिटल डेस्क, पन्ना। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. व्ही.एस. उपाध्याय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि फायलेरिया उन्मूलन हेतु जिले में दिनांक १० फरवरी से २३ फरवरी २०२४ तक सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसमें दिनांक १०, १२ एवं १३ फरवरी २०२४ को विद्यालय, महाविद्यालय, कार्यालय, आंगनबाडी केन्द्रों में बूथ लगाकर फाईलेरिया रोधी दवा का सेवन डीईसी, एल्वेन्डाजोल एवं आइवरमेक्टिन दवा सेवक अपने समक्ष करावेंगे। दिनांक १४ फरवरी से १९ फरवरी २०२४ तक घर-घर जाकर दवा सेवक अपने समक्ष फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करावेंगे। छूटे हुए लोगों को यही स्वास्थ्य कार्यकर्ता दिनांक २० से २३ फरवरी २०२४ तक दवा सेवन करावेंगे।
जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा बताया गया कि पन्ना जिले में रहने वाले एवं यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को साल में एक बार यह दवा सेवन करना जरूरी है। क्योंकि गंदे पानी में पैदा होने वाले संभवित मादा क्यूलेस मच्छर कभी भी किसी को काट सकते हैं इसीलिए दवा सेवन करना अनिवार्य है। यह दवा शरीर के अंदर आये हुए फाइलेरिया कृमि को रक्त में ही समाप्त कर हांथी पाव से बचाती है। जिले में ११३२२७८ जनसंख्या को दवा का सेवन कराया जाना है। यह दवा ४०७६ दवा सेवकों द्वारा खिलाई जायेगी। जिसमें ४५३ प्रशिक्षित सुपरवाइजर हैं। दवा का सेवन दो वर्ष से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नहीं दी जावेगी।
दवा सेवन के लाभ
यह दवा फाइलेरिया के परजीवियों को मार देती है और व्यक्ति को हांथीपांव व हाइड्रोसील जैसी बीमारी से बचाने में मदद करती है। दवा पेट के अन्य खतरनाक कीडों को खत्म कर देती है तथा खुजली एवं जू के खात्मे में भी मदद करती है। परजीवी संक्रमण के कारण समुदाय में विशेषकर बच्चों में होने वाली रक्त की कमीं, कुपोषण में कमीं एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। बच्चों के शारिरिक एवं मानसिक विकास में वृद्धि होती है। चंकि इस बीमारी में हांथ और पैर हांथी के पैर के समान सूज जाते हैं इसीलिए इस बीमारी को हांथी पांव कहा जाता है। आमतौर पर फाइलेरिया का संक्रमण बचपन में ही हो जाता है लेकिन कई सालों तक इसके लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं। हालांकि रोग की प्रारंभिक अवस्था में बुखार, बदन में खुजली और पुरूषों के जननांग और उसके आसपास दर्द व सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा पैरों और हांथों में सूजन, हाईड्रोसिल, अंडकोषों की सूजन भी फाईलेरिया के लक्षण हैं।
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