पन्ना: वृहस्पति कुण्ड में खुले आम चल रही हैं अवैध रूप से हीरा खदानें

  • वृहस्पति कुण्ड में खुले आम चल रही हैं अवैध रूप से हीरा खदानें
  • नष्ट हो रहा है प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यटन धरोहर को बचाने जिम्मेदार उदासीन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-26 12:24 GMT

डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा नि.प्र.। पन्ना जिले के पहाडीखेरा से लगभग ०७ किलोमीटर दूर स्थित बृहस्पति कुण्ड पन्ना जिले के पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण धरोहर है। मध्य प्रदेश शासन पर्यटन विभाग द्वारा बृहस्पति कुण्ड को पर्यटन के क्षेत्र में विश्वव्यापी पहचान दिलाने के लिए यहां पर करोड़ों रूपए की लागत से ग्लास ब्रिज बनाने की योजना है और वर्तमान समय में बृहस्पति कुण्ड के विकास के लिए लगभग ०७ करोड़ रूपए से भी अधिक कार्य स्वीकृत किए गए है किन्तु इन सबके बीच बृहस्पति कुण्ड स्थित बाघिन नदी के क्षेत्र में अवैध रूप से हीरों की खुदाई का पिछले कई सालों से चल रहा सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है एक ओर जहां करोड़ों रूपए के विकास कार्य बृहस्पति कुण्ड में प्रारंभ हो चुके है वहीं दूसरी ओर वृहस्पति कुण्ड स्थित मुख्य क्षेत्र में ही सैकडों की संख्या मेें अवैध रूप से हीरे की उथली खदानें स्थानीय लोग और हीरा माफियाओं द्वारा खोदी जा रही है यहां स्थिति यह है कि हीरा खदानों के लिए पेडों को जड़ों से ही समाप्त कर दिया गया है और हर रोज इस तरह का कार्य चल रहा है। बडी-बडी प्राकृतिक चट्टानों को तोडकर पहले खदान खोदी जाती है और उसके बाद चाल की धुलाई और उसमें हीरे की तलाश करते हुए मजदूर और स्थानीय लोग खुलेआम देखे जा सकते है। वर्तमान समय में स्थिति यह है कि सुबह होने के साथ ही बडी संख्या में लोग और मजदूर यहां पर पहुंच जाते है और खदान की खुदाई करने का सिलसिला और हीरा ढूंढने का काम चलता है।

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अवैध बिजली कनेक्शन से चल रही हैं मोटरें

वृहस्पति कुण्ड जल प्रपात क्षेत्र से करीब ढाई किलोमीटर दूरी स्थित नदीं क्षेत्र में एक सैकडा से भी अधिक हीरा खदानें खोदी जा रही हैं। स्थिति यह है कि नदीं क्षेत्र में तथा अगल-बगल में खदान को खोदने के बाद वहीं पर खदान से निकली मिट्टी को धोकर चाल को अलग किया जा रहा है और चाल में हीरों की तलाश की जाती है इसके लिए पानी के उपयोग के लिए वाकायदा विद्युत मोटर पम्प उत्खननकर्ताओं द्वारा रखे गए हैं जो कि बिना बिजली कनेक्शन के अवैध रूप से कटिया डालकर चलाए जा रहे हैं। जिसको लेकर विद्युत विभाग पूरी तरह से बेखबर बना हुआ है। राजस्व, पुलिस तथा हीरा व वन विभाग तमाम सूचनाओं के बाद भी हांथ पर हांथ धरे बैठे हैं।

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सीमा क्षेत्र की बलि चढ़ रहा है वृहस्पति कुण्ड

वृहस्पति कुण्ड जो कि श्रीराम वन गमन तीर्थ क्षेत्र में शामिल है सैकडों साल पुराना कुण्ड का धार्मिक इतिहास एवं महत्व है। बाघिन नदीं की कोख में बेशकीमती हीरे समाये हुए हैं। बृहस्पति कुण्ड में कई प्राकृतिक गुफायें अदभुत हैं ऐसे में सम्पूर्ण स्थल को संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है किन्तु संरक्षण की जिम्मेदारी ही ठीक-ठाक से अभी तक तय नहीं हो पाई है। जिले की पुलिस एवं वन विभाग अवैध रूप से हीरा उत्खनन के सवाल पर क्षेत्र को सतना जिले की बरौंधा थाना क्षेत्र की सीमा से जुडा मामला बताकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री करते हुए बैठा हुआ है। वहीं सतना जिले के बरांैधा थाना क्षेत्र की पुलिस, सतना के वन एवं राजस्व प्रशासन की स्थिति यह है कि लुट रही प्राकृतिक धरोहर के मामले में कार्यवाही की बात तो दूर जांच कार्यवाही तक के लिए कोई नहीं पहुंचता है। 

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