मध्य प्रदेश: कलेक्टर ने शासकीय सेवकों के अवकाश पर लगाया प्रतिबंध
- अधिकारी जिला पंचायत के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत किए जाएंगे
- ड्यूटी में संबंधित लोकसेवक ने कब-कब मेडिकल अवकाश लिया है
- लोकसभा निर्वाचन के परिणाम की घोषणा होने तक प्रभावशील रहेगा
डिजिटल डेस्क, पन्ना। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेश कुमार ने लोकसभा आम निर्वाचन की घोषणा और आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के फलस्वरूप सभी श्रेणी के अधिकारी-कर्मचारियों के अवकाश पर प्रतिबंध लगा दिया है। न्याय विभाग के अतिरिक्त जिले के सभी कार्यालय प्रमुख जिला निर्वाचन अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बगैर मुख्यालय से बाहर नहीं जाएंगे और न ही किसी प्रकार का अवकाश लेंगे। तृतीय श्रेणी के समस्त कर्मचारियों के अवकाश स्वीकृति संबंधी आवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अलावा जिले से बाहर स्थानांतरण की स्थिति में जिला कलेक्टर की स्वीकृति के बगैर संबंधित को भारमुक्त करने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
इसके अतिरिक्त जिला चिकित्सालय में मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के उपरांत ही सभी प्रकार के शासकीय सेवकों के चिकित्सकीय अवकाश स्वीकृत किए जाएंगे। एकल चिकित्सक का प्रमाण पत्र मान्य नहीं किया जाएगा। इस संबंध में जारी आदेश में उल्लेखित है कि आदेश जारी होने के पूर्व से शासकीय सेवक के मेडिकल अवकाश पर रहने पर मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होकर अस्वस्थता प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा और कार्यालय प्रमुख के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत कर स्वीकृति उपरांत ही अवकाश मान्य किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सभी चिकित्सकों से आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। मेडिकल बोर्ड के प्रमाण पत्र में हिन्दी में यह लेख करना भी जरूरी है कि संबंधित शासकीय सेवक अस्वस्थता के आधार पर पूर्ण अवकाश की पात्रता रखता है अथवा निर्वाचन के किस तरह का कार्य करने योग्य है।
कार्यालय प्रमुख को मेडिकल अवकाश की अनुशंसा के साथ यह भी प्रतिवेदित करना जरूरी होगा कि पूर्व में संबंधित कर्मचारी द्वारा निर्वाचन ड्यूटी के समय कब-कब मेडिकल अवकाश लिया गया है। सभी मेडिकल अवकाश के प्रकरण कार्यालय प्रमुख के माध्यम से ही प्रस्तुत किए जाएंगेए जिसमें कार्यालय प्रमुख यह प्रतिवेदन भी देंगे कि इसके पूर्व के निर्वाचन ड्यूटी में संबंधित लोकसेवक ने कब-कब मेडिकल अवकाश लिया है तथा अन्य विभागीय कार्य के लिए संबंधित लोकसेवक कैसे कत्र्तव्य पर उपस्थि रहते हैं। शिक्षा विभाग के शैक्षणिक अवकाश के आवेदन पत्र जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा ही जिला निर्वाचन कार्यालय भेजे जाएंगे।
किसी भी शासकीय सेवक का आवेदन कार्यालय प्रमुख या नियंत्रणकर्ता अधिकारी की अनुशंसा के बिना जिला निर्वाचन कार्यालय में स्वीकार नहीं किया जाएगा। सभी कार्यालय प्रमुखों को अवकाश दिवस में भी ई-मेल, डाक प्रेषण एवं प्राप्त करने की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उक्तादेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है और लोकसभा निर्वाचन के परिणाम की घोषणा होने तक प्रभावशील रहेगा।