पन्ना: जुनोटिक बीमारी स्क्रब टायफस से रहे सतर्क: सीएमएचओ
डिजिटल डेस्क, पन्ना। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. व्ही.एस. उपाध्याय द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा जुनोटिक बीमारी स्क्रब टायफस की रोकथाम एवं बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी किए गए हैँ। टायफस बीमारी जीवाणु बैक्टीरिया से होती है। यह जीवों के ऊपर रहने वाले घुन के संक्रमित लार्वा में पाया जाता है। जिसके काटने से मनुष्यों में स्क्रब टायफस बीमार फैलती है। इस बीमारी के प्रमुख लक्षण बुखार, सिरदर्द, जोड एवं मांसपेशियों में दर्द, प्रकाश में असहनीयता, सूखी खांसी, एक सप्ताह के बाद शरीर, पेट एवं हांथ-पैर में दाने निकलना, कुछ रोगियों को निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर एवं ह्रदय संबधी बीमारी भी होती है।
शरीर के जिन स्थानों पर संक्रमित लार्वा काटता है उस स्थान पर दाने उठते हैं जो बाद में जख्म बनकर सूखने सूखने पर काले धब्बों के समान दिखने लगता है। इसके बचाव हेतु खेत, जंगल व झाडियों में जब भी जायें तो पूरे कपडे पहनकर जायें तथा शरीर के खुले स्थान पर घुन के काटने से बचाव के लिए शरीर पर लगाए जाने वाले विभिन्न चमडी के रोगों से संबधित क्रीमों का उपयोग किया जा सकता है जिनमें बैंजिल बैंनजोएट, डाईमिथाईल कार्बामेट इत्यादि शामिल हैं। यदि किसी को भी उक्त लक्षण दिखाई देते हैं तो तत्काल ही चिकित्सक से सम्पर्क करें।