पन्ना: कर्नाटक और तेलंगाना में बंधक बनकर फंसे पन्ना जिले के ४५ मजदूर

  • कर्नाटक और तेलंगाना में बंधक बनकर फंसे पन्ना जिले के ४५ मजदूर
  • फंसे मजदूरो में महिलायें एवं बच्चे शामिल, करवाई जा रही गन्ना की कटाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-21 10:09 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले में गरीबी और रोजगार के साधन नही होने की वजह से हजारो की संख्या में जिले के गरीब मजदूरो को मजदूरी और काम के लिए अपना घरबार छोडकर पलायन करना पड रहा है। कोविड के दौरान जब बाहर से लौटने वाले मजदूरो की जानकारी जुटाई गई थी तो यह आंकडा एक लाख से भी अधिक पार कर चुका है जो कि जिले में पलायन की भयावह स्थिति को उजागर कर रहा है। पन्ना जिले से जो मजदूर बाहर जाते है उनमें से काफी संख्या में मजदूर ऐसे भी है जो बंधुवा मजदूरी के चंगुल में फंस रहे है और इन बंधुआ मजदूरो से बिना मजदूरी के बंधक बनाकर काम करना पड रहा है साथ ही साथ यातनाऐं भी झेलनी पड रही है। जिले से दलाल बिचौलिया अच्छी मजदूरी दिलाने का दिलासा देकर गरीब मजदूरो को ले जाते है और बाद में उन्हें बंधुवा मजदूरी के दलदल में छोड देते है। जिले के मजदूरो को बाहर ले जाकर बंधक बनाकर काम करने की कई घटनाऐं पहली आ चुकी है अभी कुछ कर्नाटक राज्य के विजयापुर जिले से अमानगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के २७ मजदूर जदोजदह करते हुए किसी तरह से वापिस लौटने में सफल हुए थे।

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जिले के २७ बंधुवा मजदूरो की वापिसी तो हो गई है किन्तु पन्ना जिले के ही ४५ मजदूर अभी भी कर्नाटक के विजयापुर तथा तेलंगाना के अहमद नगर जिले में फंसे हुए है ऐसी जानकारियां जिला प्रशासन के पास है किन्तु जिले के मजदूरो को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराने और उनके सुरक्षित वापिसी को लेकर जिला प्रशासन की कार्यवाही डुलमुल नजर आ रही है। जो जानकारियां सामने आई है कर्नाटक के विजयापुर में २७ मजदूर जिनमें महिलायें और बच्चे शामिल है उन्हें करीब ढाई माह पहले पन्ना जिले से ले जाया गया था और महाराष्ट्र के संागली जिले में गन्ना की कटाई के काम मे लगाकर बंधुआ मजदूरी करवाई जा रही थी जहां से इन मजदूरो द्वारा अपनो तक जानकारी देने के बाद आजाद होने की कोशिश की ओैर इस पर प्रशासनिक स्तर से कार्यवाही हुई तो इसकी भनक लगने के बाद बंधको द्वारा उन्हें कर्नाटक के विजयापुर सिफ्ट कर दिया गया जहां पर अलग-अलग जगह खेतों में रखकर फंसे मजदूरो से काम कराया जा रहा है इसी तरह जो १८ मजदूर तेलांगाना के महबूब नगर में जिले में फंसे हुए है जानकारी के अनुसार इन्हें करीब ०६ माह पूर्व ले जाया गया था।

कर्नाटक में फंसे मजदूरो में ज्यादतर कल्याणपुर और बराछ गांव के निवासी

कर्नाटक जिले के विजयापुर जिले में जो २७ मजदूर बंधुआ मजदूरी के चंगुल में अभी तक फंसे हुए है उनमें १२ पुरूष ०८ महिलायें तथा ०७ बच्चे शामिल है उक्त मजदूरो में ज्यादतर मजदूर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत पन्ना से सटे हुए ग्राम कल्याणपुर और बराछ गांव के आदिवासी मजदूर है तथा कुछ अमानगंज थान के रामपुर गांव के निवासी है। इनमें गोविन्द आदिवासी पिता महिपत आदिवासी उम्र १८ वर्ष रामपुर,आनंद पिता किराई आदिवासी उम्र १४ वर्ष रामपुर, राजेश पिता जगदीश आदिवासी उम्र २५ वर्ष बराछ, फरसराम पिता सीताराम आदिवासी ३५ वर्ष कल्याणपुर, सुशीला बाई पति कराशराम आदिवासी ५० वर्ष कल्याणपुर, मनी आदिवासी पिता कंसराम आदिवासी १३ वर्ष, अन्नूबाई पुत्री फरसराम १६ वर्ष कल्याणपुर, पूजा बाई पति इमरत आदिवासी कल्याणपुर, शनि पिता इमरत आदिवासी ३ वर्ष कल्याणपुर, कृष्णा भारत आदिवासी १८ वर्ष कल्याणपुर, कालू पिता सीताराम आदिवासी ३२ वर्ष कल्याणपुर, रूकमणि पति कालू आदिवासी २८ वर्ष कल्याणपुर, रश्मि बाई पुत्री कालू आदिवासी कल्याणपुर, दुर्गा बाई पुत्री कालू आदिवासी ४ वर्ष, अभिलाषा बाई पुत्री कालू आदिवासी कल्याणपुर, दसाली पिता बेटूलाल आदिवासी ५२ वर्ष बराछ, किशुनिया बाई पति दयाली आदिवासी ४८ वर्ष बराछ, हेतराम पिता दयाली आदिवासी १७ वर्ष बराछ, राजेश पिता सेवा आदिवासी २२ वर्ष बराछ, रामसखी पत्नि राजेश आदिवासी बराछ, शिवम पिता राजेश आदिवासी २ वर्ष बराछ, सोनू पिता मना आदिवासी २५ वर्ष खिरवा, बाबूलाल पिता मंगी आदिवासी ४१ वर्ष कल्याणपुर, लली बाई पति बाबू आदिवासी कल्याणपुर पुष्पेन्द्र पिता प्यारे आदिवासी २७ वर्ष रामनगर, रामगोपाल पिता नत्थू आदिवासी १९ वर्ष बराछ, आनंद कुमार पिता देवकी आदिवासी २१ वर्ष बराछ शामिल हैं।

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तेलंगाना में फंसे मजदूर रैपुरा के मडवा ग्राम के निवासी

तेलंगाना के मेहबूब नगर में १८ मजदूर लगभग ०६ माह से फंसे होने बताए जा रहे हैं जो सभी रैपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम मडवा निवासी हैं। इन मजदूरों के संबध में जो जानकारी सामने आई है इन्हें भी मेहबूब नगर जिले के अलग-अलग स्थानों पर गन्ना कटाई में लगाकर बंधुआ मजदूरी करवाई जा रही है और वापिस लौटने के लिए जद्देाजहद करनी पड रही है और आने नहीं दिया जा रहा है। मडवा ग्राम निवासी जो १८ मजूदर तेलंगाना में फंसे हुए हैं उनमें अनंद आदिवासी पिता दयालू आदिवासी, जबरू आदिवासी पिता मोती आदिवासी, श्रीमती अनंद रानी पति जबरू आदिवासी, दीपक आदिवासी पिता जबरू आदिवासी, रविन्द्र पिता जबरू, सुई पिता जबरू आदिवासी, नेहलू आदिवासी पिता प्रतापी आदिवासी, आरती आदिवासी पति नेहलू आदिवासी, कल्पना आदिवासी पति प्रतापी आदिवासी, डब्लू आदिवासी पिता झिल्लन आदिवासी, मनोज रानी पति डब्लू आदिवासी, निमा आदिवासी पिता डब्लू आदिवासी, कल्पना पति भोला आदिवासी, चंदा पति दुल्ली आदिवासी, फद्दी पिता दयालू आदिवासी, मनोज सपेरे पिता बडे सपेरे, कमलू आदिवासी पिता जयकरण आदिवासी, विमलु आदिवासी पिता जयकरण आदिवासी शामिल हैं। यह भी जानकारी सामने आई है कि उक्त १८ मजूदरों में से तीन मजदूर किसी तरह से विगत दिनों वापिस लौटने में कामयाब हो चुके हैं।

इनका कहना है

जिला पंचायत सीईओ तथा एसपी पन्ना मजदूरों की रिहाई के लिए काम कर रहे हैं। मैं फंसे मजदूरों की लोकेशन की जानकारी के लिए टीम भेज रहा हूं। जिला पंचायत सीईओ से इस संबध में अपडेट ले सकते हैं।

हरजिंदर सिंह

कलेक्टर पन्ना 

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