नौकरी के नाम पर युवकों को भेजा मलेशिया -जानवरों जैंसा बर्ताव , करा रहे मजदूरी
नौकरी के नाम पर युवकों को भेजा मलेशिया -जानवरों जैंसा बर्ताव , करा रहे मजदूरी
डिजिटल डेस्क, कटनी। नेवी में नौकरी की चाहत रखने वाले पचास से भी अधिक युवकों ने कटनी के कबूतरबाजों के शिकंजे में फंसकर लाखों रुपए गंवा दिए। एसपी के ईमेल पर शिकायत होने के बाद इस संस्थान का भंडाफोड़ सोमवार को हुआ। ट्रेनिंग कराने के बाद युवकों को मलेशिया भेजा गया। जहां पर युवकों से मजदूरों जैसा काम लिया जाने लगा और बाद में जहाज के अंदर जाने का सब्जबाग एजेंटों ने दिखाया। इसी दौरान इन युवकों की पहचान वहां पर नेवी अफॅसरों से हुई। युवकों ने जब आफिसर्स को सर्टिफिकेट दिखाया, तो नेवी में फर्जी रुप से नौकरी दिलाने वाले दलालों की हकीकत सामने आई। यह बात अन्य युवकों को पता चली, तो वे संस्थान के संचालकों से वापस रुपए मांगे गए। आनाकानी करने के बाद एसपी से शिकायत के बाद माधवनगर पुलिस ने बरगंवा रोड स्थित विश्वकर्मा मेरीटाइम एण्ड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय की जांच की। इस मामले में संचालक सुधीर विश्वकर्मा को हिरासत में लेते हुए धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
ईमेल पर की थी शिकायत
इसकी शिकायत शहडोल जिला अंतर्गत बुढ़ार थाना क्षेत्र के लालपुर निवासी मुकेश नामदेव ने की थी। युवक मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई किया हुआ है। ट्रेनिंग के नाम पर युवक ने पहले करीब तीस हजार रुपए दिए। इसके बाद नौकरी के नाम पर इंजीनियर से आरोपी संचालक ने एक लाख पांच हजार रुपए ले लिए। इसके बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली, बाद में फिर से और रुपए की मांग संस्थान के कर्मचारी करने लगे। रुपए देने पर जब युवक ने असमर्थता जताई तब संस्थान के संचालक अड़ीबाजी में आते हुए जमा रुपए भी दिए जाने से इंकार कर दिए। इसकी शिकायत युवक ने एसपी से ईमेल में की थी।
प्रदेश के अन्य जिलों से आते थे युवक माधवनगर थाना क्षेत्र में संचालित होने वाला यह तथाकथित कार्यालय कटनी छोड़कर अन्य जिलों के ही बच्चों को यहां पर मर्चेंट नेवी में प्रशिक्षण और नौकरी दिलाने के लिए प्रवेश देता था। मुरैना और अन्य जगहों से भी युवकों ने यहां पर प्रवेश लिया था। एक बार जो बेरोजगार युवक इनके चंगुल में फंस जाता, वह पहले ट्रेनिंग में हजारों रुपए देता। इसके बाद नौकरी के लिए उससे लाखों रुपए ऐंठ लिए जाते थे। पुलिस ने बताया कि युवक की आर्थिक स्थिति देखते हुए संस्थान के संचालक प्रत्येक युवक से एक लाख रुपए से लेकर तीन लाख रुपए तक की वसूली करते थे।
रैकेट का मकडजाल
इसके लिए कबूतरबाजों ने अपना नेटवर्क भी फैला रखा था। कटनी में एडमिशन दिलाने के बाद युवकों को प्रशिक्षण के लिए लखनऊ में भेजा जाता था। यहां पर पंद्रह से बीस दिन बाद जब युवक प्रशिक्षण पूरा कर लेते थे, तब तथाकथित रुप से नौकरी का असली खेल चालू होता था। जिसके लिए युवक से एडवांस में रुपए लेने के बाद युवकों को बंदरगाह के किनारे ले जाकर समुद्री जहाज दिखाने का काम गिरोह के दलाल करते थे। वहां पर बंद पड़े जहाजों में ट्रेनिंग दिलाने का काम किया जाता था। हर चरण में इसके लिए युवकों को रुपए देना पड़ता था। एक बार जहाज दिखाने के बाद फिर अगले चरण में मलेशिया के लिए वीसा और पासपोर्ट बनवाया जाता था। इसी वीसा और पासपोर्ट के सहारे युवकों को मलेशिया भेजा जाता रहा। इसके पहले संचालक द्वारा कटनी और इन्दौर में भी इस तरह का प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किया जाता रहा है। पीडि़तों से पूछताछ रजिस्टर में मिले विद्यार्थियों के नाम और उनके मोबाइल नंबर से पुलिस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने में जुटी हुई है। सोमवार को दो युवकों से पूछताछ की, जिन्होंने बताया कि बंदरगाह में उनसे शिप की रस्सी खिंचवाने का काम किया जाता रहा। वहां पर बारह घंटे काम लिया जाता रहा। साथ ही वेतन के रुप में बारह से तेरह हजार रुपए दिया जाता। सबसे अधिक परेशानी खाने और रहने के लिए होती थी। जिसके चलते वे नौकरी छोड़कर अपने घरों की ओर लौट आए हैं।
इनका कहना है
विश्वकर्मा मेरीटाइम एण्ड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय ने नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों के साथ छलावा किया है। प्रोपाराईटर सुधीर विश्वकर्मा के विरुद्ध धारा 420 के तहत मामला कायम करते हुए पूछताछ की जा रही है। जिसके बाद पूरे गिरोह का पता चल पाएगा। संजय दुबे, थाना प्रभारी माधवनगर