जलाशय में यूरिया मिलाकर करते थे वन्य प्राणियों
सतना जलाशय में यूरिया मिलाकर करते थे वन्य प्राणियों
डिजिटल डेस्क, सतना। चित्रकूट वन परिक्षेत्र के गश्ती दल को बड़ी कामयाबी मिली है। वन अमले ने वन्य प्राणियों के शिकारियों की एक ऐसी गैंग पकड़ी है,जो जंगल के जलाशयों में यूरिया मिलाकर वन्य प्राणियों का शिकार किया करता था। पकड़ में आए ४ आरोपियों में से ३ आरोपियों के घरों से भारी मात्रा में हिरण के सींग मिले हैं। शिकार के आरोपियों के घरों से क्लच वायर, पक्षियों को पकडऩे के फंदे और मांस काटने के औजार भी मिले हैं। चित्रकूट के उप वन मंडलाधिकारी अभिषेक तिवारी ने बताया कि सभी आरोपियों को १५दिन की न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल भेजा गया है।
ऐसे आए पकड़ में :-
उप वन मंडलाधिकारी ने बताया कि १७ अप्रैल की दोपहर वन अमला चित्रकूट रेंज की सैधोहन और जुड़ेही बीट में गश्त पर था। इसी बीच निगरानी दल की नजर बरकत बाबा के एक जलाशय पर पड़ी जहां ४ ग्रामीण संदिग्ध परिस्थितियों में मौजूद थे। ग्रामीण जलाशय के पानी में कुछ मिला रहे थे। शक होने पर इनकी घेराबंदी की गई। मगर, तीन ग्रामीण तो कंटीली झाडिय़ों का फायद उठा कर भागने में कामयाब रहे लेकिन एक पकड़ में आ गया। पूछताछ पर उसने अपना नाम माझा कोल निवासी बरुआ बताया। मौके से भागने में कामयाब रहे ग्रामीणों की पहचान उसने दीपक कोल, चंद्रपाल कोल एवं नत्थू कोल के रुप में की। सभी बरुआ के ही रहने वाले थे। पूछताछ में अपना गुनाह कबूल करते हुए माझा ने बताया कि चारो मिलकर जलाशयों में यूरिया मिलाकर वन्य प्राणियों का शिकार किया करते थे।
जारी कराया गया सर्च वारंट :------
गंभीर अपराध के मामले में मौके से फरार हुए आरोपियों पर दबाव बनाने और साक्ष्य जुटाने के लिए उप वन मंडला अधिकारी से सर्च वारंट जारी कराते हुए घर की तलाशी ली गई। घर की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में हिरण की सींग एवं वन्य प्राणियों के अवयव बरामद किए गए। आरोपियों के घरों से क्लच वायर, यूरिया, फंदे और घातक औजार भी बरामद किए गए। तीन अन्य फरार आरोपियों दीपक कोल, चंद्रपाल कोल एवं नत्थू कोल को मझगवां पुलिस की मदद से बरुआ से गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम १९७२ की धारा-२(१६) ९, ३९, ४४, ४९,५०, ५१,५२ के तहत चित्रकूट स्थित कोर्ट में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।