वेयर हाउस कार्पोरेशन ने शुरू की पर्दा डालने की कोशिश, सूखत और चूहों का बहाना
गोदामों से गायब हो गई 18 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा धान वेयर हाउस कार्पोरेशन ने शुरू की पर्दा डालने की कोशिश, सूखत और चूहों का बहाना
डिजिटल डेस्क,कटनी। पिछले खरीफ उपार्जन की गोदामों में भंडारित की गई धान में से 18 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान के गायब होने का मामला सामने आया है। यह मामला सुर्खियों में आने से वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन में हडक़म्प मचा है और इस गड़बड़ी पर पर्दा डालने के लिए सूखत और चूहों द्वारा धान खराब होने के बहाने बनाए जा रहे हैं। यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। ज्ञात हो कि कटनी जिला प्रदेश के उन जिलों में शामिल है, जहां ज्यादा धान एवं गेहूं के भंडारण में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।
पिछले खरीफ वर्ष में 46 लाख मीट्रिक टन धान का भंडारण निजी गोदामों में किया था। धान का स्टाक कम होने पर निजी गोदाम संचालक धान को सूखत, कीड़ों-चूहों के काटने और पानी में भीगने से खराब होने का बहाना बना रहे हैं। वहीं धान कम होने का मामला सामने आने पर जिला प्रशासन ने जांच कराने की बात कही है।
मिलिंग के दौरान सामने आई गड़बड़ी
बताया जाता है कि खाद्य विभाग द्वारा धान की मिलिंग कराई जा रही है। मिलर्स जब गोदामों से धान उठाने जाते हैं तो कई गोदामों में निर्धारित मात्रा से एक-दो मीट्रिक टन कम मिली है। वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अधिकारियों ने भी 18 हजार क्विंटल धान कम होने की पुष्टि की है। धान सहित अन्य अनाजों के उठाव तथा वर्तमान भंडारण की रिपोर्ट विभाग तैयार करा रहा है।
किसानों ने एफएक्यू की खरीदी, गोदाम में गीली पहुंची
धान के शार्टेज ने उपार्जन में शामिल एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किसानों ने एफएक्यू धान की ही खरीदी की जाती है और जब तक सर्वेयर ओके रिपोर्ट नहीं देते तब तक किसानों की खरीद पर्ची जारी नहीं होती है। अब वेयर हाउसिंग के अधिकारी कहते है कि भंडारण के समय धान गीली थी और इतने दिनों में सूखने से मात्रा कम हो गई। वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक योगेन्द्र सिंह सेंगर कहते हैं कि भंडारण का कार्य खरीदी समाप्त होने बाद भी चलता रहा और उस दौरान बारिश होने से धान गीली हो गई थी।