लाखों की दीवार: कुछ गिर गई और बाकी पत्ते की तरह हिल रही
क्षेत्रीय नागरिक काम की गुणवत्ता पर उठा रहे सवाल लाखों की दीवार: कुछ गिर गई और बाकी पत्ते की तरह हिल रही
डिजिटल डेस्क जबलपुर। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रानीताल तालाब के सौंदर्यीकरण में करोड़ों रुपए खर्च किए गए। इस काम में किस तरह हद दर्जे की लापरवाही बरती गई इसका अंदाजा रानीताल कर्बला रोड पर निर्मित बाउण्ड्रीवॉल को देखकर लगाया जा रहा है। तालाब का सौंदर्यीकरण 18 करोड़ रुपए खर्च करके किया जा रहा है। इसी कड़ी में यहाँ करीब 80 लाख रुपए की लागत से बनी दीवार का एक हिस्सा गत दिवस धराशायी हो गया। इसके अलावा जो आधा हिस्सा अभी बाकी है, वह भी पत्तों की तरह हिल रहा है। क्षेत्रीय नागरिक काम की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि बाउंड्रीवॉल ही नहीं बल्कि सौंदर्यीकरण के अन्य कामों में भी जमकर लापरवाही बरती गई है। काम घटिया लग रहा है, लेकिन जिम्मेदार इसे देखने और इस पर कार्रवाई करने की फुरसत नहीं निकाल पा रहे हैं।
निकासी के लिए नहीं बनाई नाली और तान दी बाउण्ड्रीवॉल-
क्षेत्रीयजनों का आरोप है िक घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी संबंधी समस्या लम्बे समय से बनी हुई है। इसके बावजूद कोई ठोस इंतजाम यहाँ कभी नहीं किए गए। इसे देखते हुए पक्की व सुव्यवस्थित नाली बनाने की माँग लोगों द्वारा की जाती रही है, लेकिन स्मार्ट सिटी द्वारा सब कुछ देखने के बावजूद यहाँ नाली नहीं बनाई गई। लोगों की इस समस्या को देखते हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा एक नाली बनाई तो गई है लेकिन उसमें सिर्फ 6 से 8 इंच वाले पाइप ही डाले गए हैं और इसलिए पानी की पूरी निकासी आज भी नहीं हो पा रही है। इन सारी समस्याओं के बावजूद स्मार्ट सिटी द्वारा जल्दबाजी में बाउण्ड्रीवॉल बना दी गई है।
प्रोजेक्ट में 18 करोड़ किए जा रहे खर्च -
जानकारों की मानें तो रानीताल तालाब का सौंदर्यीकरण स्मार्ट सिटी द्वारा 18 करोड़ की लागत से इन दिनों किया जा रहा है। इसके तहत तालाब के किनारे 80 लाख रुपए से एक अलग बाउण्ड्रीवॉल भी बनाई जा रही है, ताकि यहाँ की सुंदरता और निखर सके। लेकिन बीते शुक्रवार की दोपहर एक निजी ठेकेदार के माध्यम से बन रही इस बाउण्ड्रीवॉल का एक हिस्सा तेज आवाज के साथ नीचे गिर गया और इस दौरान समीप बैठी एक महिला बाल-बाल बच गई थी।
पाँच सैकड़ा से अधिक परिवार परेशान -
यहाँ रहने वाले राजू रैकवार, रोहन, मधु, प्रकाश रैकवार, रंजीता, अर्चना एवं ममता रैकवार आदि ने बताया कि उनके क्षेत्र में इन दिनों 5 सैकड़ा से अधिक परिवार निवास कर रहे हैं। कुछ महीने पूर्व जब स्मार्ट सिटी द्वारा यहाँ बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, तब क्षेत्रीय परिवारों को बाउण्ड्रीवॉल बनने से यह परिसर अधिक सुंदर लगने और घरों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन जिम्मेदारों ने बेहद लापरवाही और भ्रष्टाचार से बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण करवाया और अब सभी लोग परेशान हैं।
दिख रहीं दरारें, हिल रहा हिस्सा -
क्षेत्रीयजनों का आरोप है िक लाखों की लागत से बन रही उक्त बाउण्ड्रीवॉल का एक हिस्सा गिर चुका है, तो वहीं जो हिस्सा अभी शेष है वह भी पत्ते की तरह हिल रहा है। इतना ही नहीं इस पूरी बाउण्ड्रीवॉल में कई जगहों पर दरारें स्पष्ट तौर पर नजर आ रही हैं। जिसके कारण यह खतरा भी मंडराने लगा है िक यदि भविष्य में पुन: यह चहार दीवारी गिरती है तो इसके कारण आसपास रहने वाले लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। इस संबंध में क्षेत्रीय पार्षद संतोष दुबे पंडा का कहना है कि क्षेत्र में जल्द ही पक्की नाली बनाई जाने वाली है और तब निकासी संबंधी यह समस्या दूर हो जाएगी।