लोकमंगल सोसाइटी की जांच की मांग को लेकर विधान परिषद में हंगामा
लोकमंगल सोसाइटी की जांच की मांग को लेकर विधान परिषद में हंगामा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सोलापुर की लोकमंगल मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा फर्जी दस्तावेज के आधार पर दूध पावडर की परियोजना शुरू करने के लिए राज्य सरकार से अनुदान लेने के मामले की न्यायालयीन जांच की मांग को लेकर विधान परिषद में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान प्रदेश के पशुपालन राज्यमंत्री अर्जुन खोतकर ने लोकमंगल सोसाइटी का बचाव किया। खोतकर ने कहा कि जांच के बाद लोकमंगल सोसाइटी की इमानदारी सामने आएगी।
संस्था ने अनुदान का कोई भी गलत इस्तेमाल नहीं किया है। राज्य के सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख के बेटे रोहन देशमुख इस सोसाइटी के निदेशक हैं। प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक दल नेता शरद रणपीसे और विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने लोकमंगल सोसाइटी द्वारा गलत तरीके से अनुदान लेने का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में खोतकर ने कहा कि अनुदान लेने के मामले में लोकमंगल सोसाइटी के सभी निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। लोकमंगल सोसाइटी के निदेशक रोहन देशमुख समेत 9 निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों और निदेशक मंडल के सदस्यों के जवाब लिखने का काम शुरू है।
उल्लेखनीय है कि रोहन प्रदेश के सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख के बेटे हैं। एक सवाल के जवाब में खोतकर ने कहा कि लोकमंगल सोसाइटी में अधिकृत सलाहकार नियुक्त किया गया था। लेकिन वह सलाहकार अब फरार है। संबंधित सलाहकार की भूमिका की भी जांच की जा रही है। खोतकर ने कहा कि दूध पावडर परियोजना के लिए लोकमंगल सोसाइटी को सरकार की ओर से 24.81 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया था। लेकिन गड़बड़ी सामने आने के बाद 22 नवंबर 2018 को शासनादेश के जरिए अनुदान रद्द कर दिया गया। इसके बाद लोकमंगल सोसाइटी ने अनुदान को ब्याज समेत लौटा दिया। खोतकर ने कहा कि इस मामले में सरकार ने खुद संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया। इस पर विपक्ष के नेता मुंडे ने कहा कि लोकायुक्त के आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया। इसके बाद सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने कहा कि लोकायुक्त के आदेश के बारे में जानकारी लेकर सदन को अवगत कराऊंगा।