चार दिनों में करोड़ों का लेनदेन प्रभावित,लोग हुए परेशान
सिवनी चार दिनों में करोड़ों का लेनदेन प्रभावित,लोग हुए परेशान
डिजिटल डेस्क , सिवनी ।राष्ट्रीयकृत बैंकों में निजीकरण के विरोध में हुई हड़ताल का बड़ा असर पड़ा है। दो दिन हड़ताल और दो दिन अवकाश से के कारण लोगों के कामकाज नहीं हुए। बैंक तो खुले रहे लेकिन कर्मचारियों ने कोई काम नहीं किया। अधिकांश तो अपने निजी काम निपटाते रहे। चार दिनों में करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआ। अलग-अलग बैंकों में विभिन्न संगठनों ने सरकार के निजीकरण के फैसले को लेकर विरोध जताया। हालांकि कहीं धरना प्रदर्शन नहीं हुआ केवल कामकाज बंद किया। जानकारी के अनुसार १२ से अधिक बैंकों की १२६ से अधिक शाखाएं जिले में कार्यरत हैं। उनमें से ३८० से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे।
इन्हें हुई परेशानियां
जानकारी के अनुसार बैंकों से बड़े लेनदेन से जुड़े पेट्रोल पंप संचालकों, शराब दुकान संचालकों के अलावा सराफा, अनाज, कपड़ा और मेडिकल आदि व्यापारियों को दिक्कतें का सामना करना पड़ा। रोजाना होने वाली आय को बड़े व्यापारी बैंकों में जमा करते हैं। माह में दो से तीन बार ही उनकी वे बैंकों से नकदी वापसी लेते हैं। चार दिनों में बैंको में किसी भी प्रकार का ट्रांजेक्शन नहीं हुआ।
दूसरे दिन भी बैरंग लौटे लोग
बैंकों के खातेधारकों को ऑनलाइन यूपीआई के माध्यम का सहारा लेना पड़ा। हड़ताल की जानकारी नहीं होने से दूर दराज से आए लोगों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। कई लोग तो बैंकों के गेट के पास ही किसी तरह कर्मचारियेां से अपना काम निपटाने की उम्मीद लिए हुए बैठे रहे। यहां तक की बैंकों में पासबुक में एंट्री और खाते के संबंध में जैसे छोटे काम तक नहीं हुए। केवल स्टेट बैंक में हड़ताल नहीं होने से वहां कामकाज आमदिनों की तरह चलता रहा। हालांकि दूसरे बैंकों में हड़ताल के कारण कई लोगों ने एसबीआई का सहारा लिया।
अब ये भी परेशानी
चालू वित्तीय वर्ष खत्म होने जा रहा है। ऐसे में ३० और ३१ मार्च को बैंकों में होने वाले क्लाजिंग वर्क के दौरान लोगों के काम कम होंगे। बैंकों का कहना है कि पूरी तरह से बैंक बंद नहीं होंगे लेकिन लोगों के जरूरी और रूके हुए कामों को पूरा करने की कोशिश की जाएगी। चूंंकि चार दिनों से बैंक में काम नहीं होने से वर्क लोड अधिक बढ़ गया है।