पानी के लिए शहर से गांव तक मचा हाहाकार, प्यासे रह गए कंठ
कटनी पानी के लिए शहर से गांव तक मचा हाहाकार, प्यासे रह गए कंठ
डिजिटल डेस्क, कटनी । गर्मी का यह सीजन भी लगभग बीता जा रहा है पर लोगों की प्यास बुझाने में अफसरों के दावे पूरी तरह फेल साबित हुए। शहर से लेकर गांव तक लोग कंठ तर करने बंूद-बंूद पानी के लिए भरी गर्मी में पसीना बहाते रहे और अफसर आल इज वेल का राग अलापते रहे। नगरीय क्षेत्र कटनी में तो बीते एक दशक से नर्मदा का पानी पिलाने के सब्जबाग दिखाए जा रहे हैं पर हर साल ठंड के दिनों से ही दिसम्बर-जनवरी से एक दिन के अंतर से पेयजल सप्लाई होने लगती है। टैंकर और ट्यूबवेल से पानी सप्लाई के दावों की हकीकत इसी से समझी जा सकती है कि केवल सीएम हेल्पलाइन में ही नगरीय क्षेत्र में पेयजल समस्या की लगभग दो सौ शिकायतें पेंडिंग है।
पीएचई के हाल बे हाल
ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों पर रहती है। जिले के ज्यादातर नल जल योजनाओं का हाल भी यही है कि अटक-अटक कर चल रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपम्प संधारण का कार्य पीएचई द्वारा किया जाता है लेकिन पीएचई में भी प्रभारी राज होने से हैंडपम्पों की मरम्मत के लिए महीनों इंतजार करना पड़ रहा है। आलम यह है कि सीएम हेल्पलाइन में दर्ज हैंडपम्प बंद होने की करीब सात सौ शिकायतों को निराकरण का इंतजार है। ज्ञात हो कि पेयजल संकट पर मुख्यमंत्री ने 22 अप्रेल को सुबह 6 बजे अफसरों की बैठक लेकर प्रदेश भर के कलेक्टर्स को हर हाल में पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देशों को अफसरों ने कितनी गंभीरता से लिया यह ग्रामीण क्षेत्रों में मचे पानी के हाहाकार से ही समझा जा सकता है।
सात माह पहले शिकायत, नहीं मिला पानी
जनपद पंचायत कटनी के ग्राम खरखरी नं.1 के शिवकुमार ने अक्टूबर 2021 में सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत में बताया था कि उसके मोहल्ला में नलजल योजना से पानी की सप्लाई बंद है। इस शिकायत पर कार्यपालन यंत्री द्वारा दर्ज टीप के अनुसार ग्राम में नलजल योजना का कार्य रेट्रोफिटिंग के अंतर्गत किया जा रहा है। अप्रेल में मुख्य अभियंता ने भी अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री को पेयजल आपूर्ति बहाल कर शिकायत का निराकरण करने के निर्देश दिए थे। तब पीएचई के अफसरों ने भी स्वीकार किया था कि जलजीवन मिशन के ठेकेदार ने पाइप लाइन क्षतिग्रस्त कर दी है लेकिन सात माह बाद शिकायतकर्ता को पानी नहीं मिल सका। आशीष चौधरी के अनुसार उसके मोहल्ले में लगे दोनों हैंडपम्प खराब होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
महीनों से बंद पड़े हैंडपम्प
ढीमरखेड़ा ब्लाक के ग्राम भैंसवाही निवासी देवेन्द्र यादव के अनुसार गांव के आधे से ज्यादा हैंडपम्प खराब पड़े है। उसके मोहल्ले में लगा इकलौता हैंडपम्प चालू था, 8 दिन पहले वह भी बंद हो गया। विजयराघवढ़ ब्लाक के डोकरिया में आधा दर्जन हैंडपम्प बंद पड़े हैं। इनकी भी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई जा चुकी हैं। इसके बाद भी पीएचई द्वारा अब तक हैंडपम्प नहीं सुधारे गए। भीषण गर्मी में लोग बंूद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। जो हैंडपम्प चालू हैं उनमें भी पानी भरने वालों की कतार लगी रहती है। बड़वारा ब्लाक के पिपरिया कला निवासी लक्ष्मी चक्रवर्ती के अनुसार वार्ड क्रमांक-3 में लगा हैंडपम्प एक माह से खराब पड़ा है। पीएचई विभाग को फोन पर सूचना देने के बाद भी हैंडपम्प नहीं सुधारा गया तब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई।
चार दिन में एक बार पानी सप्लाई
नगर निगम ने तो बैराज से जनवरी से ही पेयजल आपूर्ति में आड ईवन सिस्टम लागू कर दिया है। वहीं कुछ वार्डों में टैंकर से पानी सप्लाई के दावे किए हैं पर मैदानी हकीकत इससे ठीक विपरीत है। नगर के वार्ड क्रमांक-5, राममनोहर लोहिया वार्ड में पांच माह से चार दिन में एक बार पानी सप्लाई हो रही है। जगजीवन राम वार्ड जैन कालोनी निवासी राहुल विश्वकर्मा के अनुसार उन्हे काफी समय पानी नहीं मिल रहा है। प्रेशर इतना कम रहता है कि एक बाल्टी पानी भी नहीं भर पाता है। नगर निगम के कंट्रोलरूम में भी शिकायत की गई लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। रामनिवास सिंह वार्ड निवासी नोनेलाल बर्मन के अनुसार उसके मोहल्ले में एक माह से पानी नहीं आ रहा है। इसी वार्ड की ज्योति के अनुसार कई दिनों के बदबूदार पानी की सप्लाई की जा रही है।