विशेष न्यायाधीश ने मुख्य आरोपी और सह आरोपी को अलग-अलग धाराओं में सुनाई सजा
शादी का झांसा देकर किया शोषण विशेष न्यायाधीश ने मुख्य आरोपी और सह आरोपी को अलग-अलग धाराओं में सुनाई सजा
डिजिटल डेस्क,कटनी। शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण करते हुए महिला को गर्भवती बनाया और इसके बाद रास्ते से हटाने की साजिश को लेकर चाकू एवं बका से हमला करते हुए मृत समझकर जंगल में फेंके जाने के मामले में आरोपी भूपेन्द्र पटेल को आजीवन कारावास से दण्डित किया है। विशेष न्यायाधीश द्वारा धारा 307 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एक हजार का अर्थदंड एवं 376 में आजीवन कारावास और एक हजार का अर्थदंड लगाया है।
एससी/एसटी प्रकरण भी में आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है। सहआरोपी भेाला उर्फ राजेन्न्द्र पटैल को धारा 307 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार अर्थदंड एससी/एसटी में आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया । प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक जिला अभियोजन अधिकारी हनुमंत शर्मा द्वारा की गई।
पूरे मामले पर एक नजर
मीडिया सेल प्रभारी सुरेन्द्र गर्ग ने बताया कि मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि आरोपी भूपेन्द्र पटैल ने पीडि़ता के साथ यह जानते हुए कि वह आदिवासी समाज की है। शादी का झांसा देकर उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाया। इस दौरान वह गर्भवती हो गई। 4 से 5 माह गर्भ ठहरने के बाद पीडि़ता शादी के लिए आरोपी से कहती रही। इसके बावजूद आरोपी टाल-मटोल करता रहा। इस दौरान वह यह तो पीडि़ता को भरोसा दिलाता रहा कि सही समय आने पर उसके साथ ही शादी करेगा, लेकिन जब-जब पीडि़ता एक निर्धारित तिथि पूछती रही तो फिर वह दूसरी बात करके पीडि़ता को बहला-फुसला देता था।
जंगल में ले जाकर धारदार हथियार से प्रहार
पीडि़ता यह बात और कहीं न बता दे। जिसके लिए आरोपी ने पीडि़ता को रास्ते से हटाने की साजिश रची। जरुरी बात कहकर वह अपने एक अन्य साथ भोला उर्फ राजेन्द्र पटेल के सहयोग से बाइक में 31 जुलाई 2020 को बाइक में बैठाकर ढीमरखेड़ा जंगल की तरफ ले कर चला गया। यहां पर आरोपी ने पीडि़ता को कहा कि उसके कारण मेरी जिंदगी खराब हो गई है। जबरदस्ती वहां पर दोनों ने पीडि़ता को गोली खिलाई। पीडि़ता ने जब विरोध किया तो दोनों ने मिलकर जान से मारने की नियत से उसके गले में चाकू/बका से कई प्रहार किए और उसे मृत समझकर छेाडक़र भाग गए ।
घायल अवस्था में ही सडक़ तक पहुंची
जंगल के अंदर नाले के समीप तो मृत समझकर दोनों आरोपी पीडि़ता को छोडक़र चले गए थे, पीडि़ता को होश आया तो वह किसी तरह से लडख़ड़ाते हुए गांव जाने वाली सडक़ तक आई। यहां पर आश्रय मिलने की उम्मीद में पड़ी रही। दूसरे दिन जब इस मार्ग से राहगीर गुजरे तो देखा कि पीडि़ता घायल अवस्था में पड़ी है। जिसकी जानकारी पुलिस और डायल-100 को दी। पुलिस पीडि़ता को इलाज के लिए समीपस्थ अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था। इसके बाद हालात गंभीर होने पर पीडि़ता को मेडिकल कालेज जबलपुर के लिए रेफर किया गया। जहां पीडि़ता का गर्भपात भी हो गया डीएनए परीक्षण पर उक्त गर्भ का जैविक पिता भूपेन्द्र पटेल का होना पाया गया था ।