जेल में बंद पिता व भाई और मृतक के नाम से सरपंच ने निकाली मजदूरी

अमोच पंचायत का मामला, जांच में पुष्टि के बाद नोटिस तक सीमित कार्यवाही जेल में बंद पिता व भाई और मृतक के नाम से सरपंच ने निकाली मजदूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-31 16:38 GMT
जेल में बंद पिता व भाई और मृतक के नाम से सरपंच ने निकाली मजदूरी

डिजिटल डेस्क कटनी। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं है पर गड़बड़ी प्रमाणित होने के बाद भी जब दोषियों पर कार्यवाही नहीं होती है तो जिम्मेदारों पर भी अंगुलियां उठने लगती है। जनपद पंचायत बहोरीबंद की ग्राम पंचायत अमोच में सरपंच ने जेल में बंद पिता और भाई एवं वर्षों पहले मृत हो चुके व्यक्तियों के नाम मस्टर रोल में दर्ज कर उनके नाम से मजदूरी निकाल ली। जांच अधिकारी की अनुशंसा के बाद भी कार्यवाही के नाम पर सरपंच-सचिव को केवल नोटिस जारी किया गया। वहीं मार्बल खदान के लिए बेची जा चुकी जमीन में कपिलधारा कूप स्वीकृत कर दिया गया।
जांच में गड़बड़ी उजागर-
ग्राम पंचायत अमोच में सरपंच/ सचिव द्वारा की गई गड़बडिय़ों की शिकायत के बाद जनपद पंचायत सीईओ के निर्देश पर पंचायत समन्वयक अधिकारी शंकर लाल मरावी एवं मोहन सिंह ने जांच कर प्रतिवेदन सौंपा था। इस प्रतिवेदन में दोनों अधिकारियों ने पाया कि 80 वर्षीय बुद्धू काछी (सरपंच का पिता) एवं उसका पुत्र राजेन्द्र काछी (सरपंच का भाई) किसी मामले में 2036 तक के लिए सेंट्रल जेल जबलपुर में बंद हैं। जेल में बंद रहने की अवधि में दोनों के नाम मस्टर रोल में दर्ज कर उनके नाम पर मजदूरी का भुगतान भी किया। प्रति परीक्षण में सरपंच रेखा काछी ने जांच अधिकारियों को बताया कि बुद्धू काछी की उम्र 80 वर्ष होने से उनकी पत्नी ने मनरेगा में काम किया था।
सात साल पहले हो चुकी है मौत-
जांच प्रतिवेदन के अनुसार फागू लाल काछी की 9/3/2004 को शासकीय अस्पताल सिहोरा में मौत हो चुकी है। जून 2020 में जारी मस्टर रोल में फागूलाल का भी नाम दर्ज कर उसके नाम से मजदूरी का आहरण किया गया। इसी तरह भद्दी जायसवाल  के नाम पर भी मजदूरी के फर्जी भुगतान की पुष्टि हुई। जांच दल ने अगस्त में जनपद पंचायत सीईओ को प्रतिवेदन सौंपा था लेकिन अब तक केवल नोटिस ही जारी हो पाए हैं।
ऑफिसों में दब जाती है फाइल-
यह पहला मामला नहीं है, जब जांच में गड़बड़ी होने के बाद भी मामले को दबा दिया गया हो। इसके पहले भी कई तरह के ऐसे मामले आ चुके हैं। जिसमें अफसरों ने सख्ती की तो बाबुओं ने मेहरबानी बरती। जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायतों में इस तरह का खेल अरसे से चल रहा है।
इनका कहना है
ग्राम पंचायत अमोच का मामला संज्ञान में है। सरपंच, सचिव एवं जीआरएस को नोटिस जारी किए गए हैं।
-मीना कश्यप, सीईओ जनपद पंचायत बहोरीबंद

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