अपनों की टूटती सांसों को बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचते ही आधी रात को मची रही लूट
अपनों की टूटती सांसों को बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचते ही आधी रात को मची रही लूट
डिजिटल डेस्क कटनी अपनों की टूटती सांसों को बचाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की शनिवार देर रात जिला अस्पताल में हंगामा मच गया। सिंगरौली से जैसे ही रात में करीब एक बजे वाहन 50 सिलेंडर लेकर पहुंचा। स्टोर रुम में गिनती होती और रिकार्ड मेंटन होता कि इसके पहले ही करीब 28 सिलेंडर परिजन कंधों में लादते हुए वार्डों में पहुंच चुके थे। दरअसल स्वास्थ्य विभाग का ऑल इज वेल वाला रॉग मरीजों के लिए अब जानलेवा बना हुआ है। ऑक्सीजन की कमीं पर सीएमएचओ और सीएस की चुप्पी मरीजों और परिजनों पर भारी पड़ रही है। शनिवार देर शाम से ही ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए परिजन अस्पताल परिसर में एक कक्ष से दूसरे कक्ष में घूमते नजर आए। लापरवाही का आलम यह रहा कि इस समय भगवान रुपी डॉक्टर घरों में आराम कर रहे थे। सिंगरौली से जैसे ही सिलेंडर का खेप पहुंचा। मरीजों को बचाने के लिए परिजन ही पल्लेदारी करते हुए कंधों में सिलेंडर लेकर वार्डों की तरफ दौड़े। जिसके बाद अफरा-तफरी की भी स्थिति निर्मित हो गई। इसमें भी कई मरीज ऐसे रहे, जो बगैर सिलेंडर के ही रात भर प्राण वायु के लिए तड़पते रहे।
भटकता रहा बुजुर्ग-
बिलहरी क्षेत्र से एक बुजुर्ग मरीज को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा था। रात में मरीज की तबियत अधिक बिगड़ गई और स्टाफ ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर हाथ खड़े कर लिया तो यह बुजुर्ग एक वार्ड से दूसरे वार्ड में सिलेंडर की व्यवस्था में जुटा रहा। आलम यह रहा कि भटकते हुए बुजुर्ग को देखने के बाद भी यहां के कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा। सभी वार्डों से निराशा हाथ लगने पर यह बुजुर्ग अपने भाग्य को ही कोसता नजर आया। रविवार को भी इसी तरह की स्थिति एक मरीज के साथ निर्मित हुई। महिला मरीज हार्ट की पेशेंट रही। तबियत अधिक बिगड़ जााने पर परिजन जब निजी अस्पताल पहुंचे तो यहां पर महिला को यह कहकर भर्ती नहीं किया गया कि उनके यहां ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है। एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटकने के बाद परिजन महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। मिन्नतें करने के बाद महिला मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध हो सका।
इसी तरह का मामला एक कोरोना संक्रमित मरीज के साथ भी रात में घटित हुआ। मरीज की तबियत बिगडऩे लगी और उसे ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता हुई तो अस्पताल के स्टाफ ने तो यह तक कह दिया कि अब मरीज ही सिलेंडर की व्यवस्था करे। बाद में अन्य वार्ड से सिलेंडर लाते हुए कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों को दिया गया। जिससे सभी लोगों को राहत मिली।
सीएमएचओ और सीएस ने साधी चुप्पी इस मामले को लेकर सीएमएचओ डॉक्टर प्रदीप मुढिय़ा और प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर यशवंत वर्मा चुप्पी साधे हुए हैं। स्टोर कीपर ओमपाल ने जरुर बताया कि रात मेें इमरजेंसी के लिए करीब 50 ऑक्सीजन सिलेंडर सिंगरौली से आया हुआ था। इसमें करीब 28 सिलेंडर मरीज वार्डों में ले गए। आगे की कार्यवाही सिविल सर्जन को करनी है।