क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल रहा इलाज, फिर भी साल भर में करीब 7 लाख रुपए की खेली जा रही होली

कटनी क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल रहा इलाज, फिर भी साल भर में करीब 7 लाख रुपए की खेली जा रही होली

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-06 12:48 GMT
क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल रहा इलाज, फिर भी साल भर में करीब 7 लाख रुपए की खेली जा रही होली

डिजिटल डेस्क,कटनी। नगर निगम में आउटसोर्स के नाम पर चहेते और करीबियों को भर्ती करने का मामला प्याज की छिलके की तरह उतरता जा रहा है। अतिक्रमण अमले में 10 कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला ठंडे बस्ते में नहीं पहुंचा हुआ था कि अब पाठक वार्ड के आयुर्वेद औषाधालय में भी इसी तरह की गड़बड़ी सामने आई है। अचरच की बात यह है कि नगर निगम के पास आयुर्वेद औषधालय चलाने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है।

इसके बावजूद यहां पर आउटसोर्स के नाम पर प्रत्येक माह 4 कर्मचारियों को मानदेय के रुप में भुगतान कर रहा है। स्थानीय लोगों को तो यह भी जानकारी नहीं है कि इस औषधालय का ताला कभी खुलता हो। यह एक अकेले औषधालय नहीं है, जहां पर लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही हो। बस स्टैण्ड का भी आयुर्वेद अस्पताल इसलिए बंद होने की कगार पर पहुंच गया कि यहां पर भी डॉक्टर नहीं हैं।

स्कूल परिसर में अस्पताल

यह आयुर्वेद अस्पताल स्कूल परिसर के अंदर ही काफी पहले खोला गया था। सीएलपी माध्यमिक शाला के एक भवन को अस्पताल के लिए आरक्षित कर दिया गया था, ताकि भवन के अभाव में यह सुविधा बंद न हो, लेकिन यहां पर भी लोगों के साथ नगर निगम के अमले ने मजाक किया। कमरे के बाहर तो बोर्ड में आयुर्वेद औषधालय के संचालित होने का दावा किया गया है, लेकिन अंदर की तस्वीर कुछ और ही बंया कर रही है। जिस पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं।

यहां पर नहीं जाते क्षेत्र के लोग

अरसे से अस्पताल बंद होने के कारण अब क्षेत्र के लोग भी यहां पर नहीं पहुंचते। यदि आयुर्वेद का इलाज करना है तो जिला अस्पताल में ही अलग से, आयुर्वेद कक्ष बनाया गया है। जहां पर चिकित्सक बैठते हैं और इलाज करते हुए दवा भी उपलब्ध कराते हैं। यहां के स्थानीय लोगों से जब इस अस्पताल के खुलने और बंद होने का समय पूछा गया तो इन्होंने बस इतना बताया कि वे अरसे से इसका ताला खुलते हुए नहीं देखे हैं।

इन कर्मचारियों के यहां पर नाम

यहां पर जिन कर्मचारियों को रखा गया है। उनके नाम क्रमश: इस तरह से हैं। जिसमें शिखा, अविनाश, दु्रपेद कुमार और सुमन हैं। आउट सोर्स के कर्मचारियों को एक माह में औसतन 10 से 13 हजार रुपए नगर निगम मानेदय के रुप में देती है। इस हिसाब से एक वर्ष में करीब 7 लाख रुपए खर्च कर रही है। यह बात अलग है कि 7 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी इसका लाभ खास मौकों पर ही यहां के लोगों को मिलता है।
 

Tags:    

Similar News