108 से लाकर निजी एम्बुलेंस से मरीज को भेजा प्राइवेट अस्पताल
वीडियो वॉयरल होने पर प्रभारी को सीएस ने दिया नोटिस, पुलिस से मांगी मदद 108 से लाकर निजी एम्बुलेंस से मरीज को भेजा प्राइवेट अस्पताल
डिजिटल डेस्क कटनी। जिला अस्पताल में निजी एम्बुलेंस और 108 चालकों के बीच कमीशन का रिश्ता वीडियो वॉयरल होने के बाद खुल गया। सिविल सर्जन ने इसे आपराधिक प्रकरण बताते हुए एम्बुलेंस प्रभारी को नोटिस दिया है। साथ ही पुलिस से इस मामले में मदद भी मांगी है। दरअसल भोपाल में सूचना पहुंचने के बाद मरीज को लाने के लिए कटनी के कंट्रोल रुम से सरकारी एम्बुलेंस भेजी गई। उमरिया क्षेत्र से एक वृद्ध महिला को इलाज के लिए कटनी जिला अस्पताल लाया गया। परिजन 108 एम्बुलेंस क्रमांक एमपी 02 एवी 6835 से यहां पर लेकर पहुंचे। गेट में सरकारी एम्बुलेंस जैसे ही पहुंची। अस्पताल परिसर के अंदर मुख्य गेट के सामने ही पीछे की तरफ से निजी एम्बुलेंस क्रमांक एमपी 20 बीए 7104 का चालक पहुंच गया। वृद्ध महिला अस्पताल के अंदर पहुंची भी नहीं कि बाहर से ही उसे निजी एम्बुलेंस में बैठाते हुए प्राइवेट अस्पताल भेज दिया गया।
सरकारी अस्पताल के लिए ही सुविधा
शासन शासकीय रुप से उन्हीं मरीजों के लिए 108 एम्बुलेंस उपलब्ध कराती है। जिन्हें सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होना पड़ता है। यदि किसी मरीज को प्राइवेट अस्पताल परिजन ले जाना चाहते हैं तो उन्हें फिर निजी वाहन का सहारा लेना पड़ता है। इसके बावजूद अस्पताल के अंदर बिचौलिये सरकारी नियमों को तार-तार कर रहे हैं। जिसमें विभाग की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
निजी एम्बुलेंस संचालकों का कब्जा
अस्पताल परिसर में निजी एम्बुलेंस संचालकों का पूरी तरह से कब्जा बना रहता है। यहां पर कोई भी मरीज जब इलाज के लिए पहुंचता है तो बिचौलियों की नजर उस मरीज और साथ में आए परिजनों पर टिक जाती है। गेट से ही निजी अस्पताल में ले जाने का जोर देना शुरु कर देते हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि परिजनों का माइंड वॉश करने में अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी अप्रत्यक्ष रुप से शामिल रहते हैं।
बीमार वाहनों का उठा रहे फायदा
जिला अस्पताल में वर्तमान समय में महज 2 सरकारी एम्बुलेंस ही चालू हालत में हैं। 5 पुरानी एम्बुलेंस कबाड़ में तब्दील हो गई है। ब्लाक मुख्यालयों के लिए 10 एम्बुलेंस है। इसकी का फायदा निजी एम्बुलेंस के संचालक उठा रहे हैं। अस्पताल परिसर के अंदर ही वर्चस्व को लेकर निजी एम्बुलेंस संचालकों में वाद-विवाद भी पहले हुआ है।
इनका कहना है
इस तरह का कृत्य आपराधिक प्रकरण में आता है। एम्बुलेंस प्रभारी को नोटिस दिया गया है। साथ ही अस्पताल के अंदर से निजी एम्बुलेंस को हटाने के लिए पुलिस से मदद मांगी गई है। इसके पहले अस्पताल प्रबंधन कई बार निजी एम्बुलेंस को परिसर से हटा चुका है।
डॉ.यशवंत वर्मा, सीएस