हाईकोर्ट ने पूछा- क्यों नहीं दे रहे अविवाहित पुत्री को फैमिली पेंशन
हाईकोर्ट ने पूछा- क्यों नहीं दे रहे अविवाहित पुत्री को फैमिली पेंशन
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस वीरेंदर सिंह की डिवीजन बैंच ने केंन्द्र सरकार, राज्य सरकार और हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार से पूछा है कि अविवाहित पुत्री को फैमिली पेंशन क्यों नहीं दी जा रही है। डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
यह है मामला-
यह याचिका जबलपुर की यादव कॉलोनी निवासी कु. मीना सोनी की ओर से दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि उनके पिता मप्र हाईकोर्ट में एकाउंटेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें फैमिली पेंशन मिल रही थी। एक जनवरी 2004 को पिता की मृत्यु के बाद उनकी माँ लक्ष्मी बाई को फैमिली पेंशन मिलने लगी। याचिका में कहा गया कि 10 फरवरी 2013 को याचिकाकर्ता की माँ की भी मृत्यु हो गई। अविवाहित होने के कारण याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट प्रशासन के समक्ष फैमिली पेंशन के लिए आवेदन दिया, लेकिन हाईकोर्ट प्रशासन ने फैमिली पेंशन देने से इनकार कर दिया।
केन्द्र सरकार ने बनाई है नीति-
अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा ने तर्क दिया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2016-17 में नीति बनाई है कि अविवाहित पुत्री को भी फैमिली पेंशन दी जाएगी। इस नीति के आधार पर दोबारा आवेदन दिया गया। नीति होने के बाद भी याचिकाकर्ता का आवेदन दोबारा निरस्त कर दिया गया। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।