टेस्टिंग में ही बीत गई गर्मी, नहीं मिला पानी

कटनी टेस्टिंग में ही बीत गई गर्मी, नहीं मिला पानी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-06-08 11:24 GMT
टेस्टिंग में ही बीत गई गर्मी, नहीं मिला पानी

डिजटवल डेस्क, कटनी । वैसे तो यह शहर लम्बे अर्से से पेयजल संकट जूझ रहा है। यहां बरसात में भी एक टाइम जलापूर्ति होती है और दिसम्बर से एक दिन के अंतर से पानी देना शुरू कर दिया जाता है। गर्मियों में शहर के कुछ वार्डों में सप्ताह में दो दिन भी पानी नहीं मिलता है। शहर के लोगों को पेयजल आपूर्ति में अधिकारियों की कितनी रुचि है यह इसी से समझा जा सकता है कि  इस सीजन में भीषण जल संकट को देखते हुए 89 नए ट्यूबवेल का खनन किया गया। इनमें भी केवल 73 ही चालू हो पाए, जबकि 16 नलकूपों से पानी सप्लाई   टेस्टिंग में अटकी रह गई लेकिन लोगों को पीने का पानी नहीं मिला। इसी बीच नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा हो गई और अफसरों को चुनाव आचार संहिता का बहाना मिल गया। नए ट्यूबवेल से पानी सप्लाई नहीं होने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। अब न्यायालय के निर्देश के बाद शायद लोगों को नए नलकूपों से पानी मिल सके।
हाईकोर्ट ने दिए पानी सप्लाई के निर्देश
बी.डी.अग्रवाल वार्ड में नए नलकूप का खनन तो कर दिया गया पर पानी सप्लाई नहीं हुई। जिस पर पूर्व पार्षद मौसूफ अहमद बिट्टू ने उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर कर पानी सप्लाई की गुहार लगाई। एडवोकेट बिट्टू के अनुसार उक्त नलकूप से बी.डी.अग्रवाल एवं गुरुनानक वार्डों में पेयजल सप्लाई होना है। पानी सप्लाई नहीं होने से दो वार्डों /ग परेशान हैं। नए नलकूप सप्लाई के लिए नगर निगम से अनुरोध किया लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने चुनाव आचार संहिता का हवाला देकर पानी सप्लाई से इंकार कर दिया। तब हाईकोर्ट की शरण ली। उच्च न्यायालय ने नए नलकूप से पानी सप्लाई करने के निर्देश देकर याचिका का निराकरण कर दिया। हाईकोर्ट के निर्देश की कापी निगमायुक्त को देकर पानी सप्लाई चालू कराने का अनुरोध किया है।
भूजल स्तर गिरा, फेल हुए बोर
नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भूमिगत जल स्तर का असर नलकूूपों पर भी पड़ा है। 89 नए ट्यूबवेल में से कुछ में इतना पानी नहीं है कि पाइप लाइन से सप्लाई किया जा सके। पानी कम होने से कुछ नलकूपों में हैंडपम्प लगाए गए हैं। वहीं कुछ अन्य नलकूपों में गहराई बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां उल्लेखनीय है कि मानसून की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और नगर निगम ने पूरी गर्मी केवल कवायद में ही बिता दी। नगर निगम की स्थिति प्यास लगने पर कुआं खोदने जैसी हो गई है।

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