किराए की कार में बुजुर्गों को लिफ्ट देकर लूटने वाला गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा

सतना किराए की कार में बुजुर्गों को लिफ्ट देकर लूटने वाला गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-13 11:40 GMT
किराए की कार में बुजुर्गों को लिफ्ट देकर लूटने वाला गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा

डिजिटल डेस्क, सतना। कार में लिफ्ट देकर हेड कॉस्टेबल के बैग से 30 हजार की रकम पार करने वाले चार बदमाशों को सिटी कोतवाली पुलिस ने रीवा जेल से गिरफ्तार किया है जो किराए पर कार लेकर रीवा, सतना, सीधी सहित आसपास के जिलों में अपराध करते थे।  गौरतलब है कि 4 मई को प्रधान आरक्षक बहोरीलाल वर्मा (56) एसबीआई बैंक राजेन्द्र नगर से रुपए निकालकर पैदल ही पन्ना नाका स्थित बाइक एजेंसी जा रहे थे, तभी सिविल लाइन चौक के पास लाल रंग की कार आकर बगल में रुक गई, जिसके ड्राइवर ने आगे तक छोडऩे की बात कही तो बहोरीलाल मान गए और जल्दी पहुंचने के लिए गाड़ी में बैठ गए, मगर कुछ दूर जाते ही गड़बड़ी की आशंका हुई तो कोठी तिराहे पर कार रुकवाकर उतर भी गए। इसके तुरंत बाद उन्होंने बैग चेक किया तो उसमें रखी नोटों की गड्डी गायब थी। लिहाजा पुलिसकर्मी ने फौरन कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई।

अगले ही दिन जवा में पकड़े गए थे बदमाश:-
हेड कॉन्स्टेबल को चपत लगाने के बाद बदमाश रीवा की तरफ भाग निकले और 5 मई को जवा में भी इसी तरह वारदात करते समय पब्लिक के हत्थे चढ़ गए। तब वहां की पुलिस ने आरोपी राजेश उर्फ सेट्ठी वर्मा पुत्र राजबहादुर कुशवाहा 36 वर्ष, राजेश उर्फ भैलू कुशवाहा पुत्र वंशरूप 30 वर्ष, बृजेश कुमार उर्फ जुग्गू मिश्रा पुत्र बाल्मीक 22 वर्ष और अजरुद्दीन उर्फ मोनू पुत्र इदरीश 26 वर्ष निवासी अमहिया रीवा को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो आरोपियों ने सतना की वारदात भी कबूल कर ली। रीवा पुलिस ने फौरन ही कोतवाली थाना प्रभारी को खबर दी, जिन्होंने न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त कर रीवा जेल से चारों को गिरफ्तार किया और सतना ले आए।

किराए पर लेते थे गाड़ी:-
यहां पर आरोपियों की रिमांड मंजूर कराते हुए पूछताछ की जा रही है। गिरफ्त में आए बदमाशों के कब्जे से कार क्रमांक एमपी 17 सीए 9330 जब्त की गई, जिसका रजिस्टे्रशन रीवा निवासी शिक्षिका निर्मला तिवारी के नाम पर है। आरोपी राजेश कुशवाहा पूर्व में उनकी गाड़ी चलाता था। इसी परिचय के चलते बदमाश ने चाकघाट बुकिंग लेकर जाने के बहान गाड़ी हासिल कर ली थी। इस गिरोह का टारगेट बैंक और बाजार के आसपास रुपए लेकर चलने वाले बुजुर्ग होते थे।

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