कैलवारा सर्किल के आरएफ से 1.15 एकड़ जमीन को मुक्त कराने पहुंची थी विभाग की टीम
कब्जाधारियों ने स्वयं से हटाया वन भूमि से अतिक्रमण कैलवारा सर्किल के आरएफ से 1.15 एकड़ जमीन को मुक्त कराने पहुंची थी विभाग की टीम
डिजिटल डेस्क,कटनी। राजस्व हो या फिर वन भूमि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान तो अक्सर वाद-विवाद की घटनाएं घटित होती रहती है, लेकिन रविवार को कैलवारा सर्किल के आरएफ 78 में यह नजारा जरा हटकर दिखाई दिया। सुबह वन विभाग का अमला यहां पर अतिक्रमण हटाने पहुंचा। एक तरफ से बाड़ी को निकालने का काम फॉरेस्ट गार्ड कर रहे थे कि उसी बीच वे लोग भी आ गए। जिन्होंने वन भूमि की करीब 1.15 एकड़ में बाड़ी लगाई थी। बाड़ी हटाने का कारण जब ग्रामीणों ने पूछा तो अमले ने बताया कि यह वन विभाग की भूमि है। जिसके बाद लोग समझदारी दिखाते हुए स्वयं ही बाड़ी को साफ किए। डीएफओ गौरव शर्मा के निर्देशन में रेंजर लक्ष्मी नारायण चौधरी अपनी टीम के साथ यहां पर मौजूद रहे।
इलाज के बाद उल्लू को छोड़ा
लमतरा के समीप घायल अवस्था में मिले उल्लू का इलाज करते हुए रविवार को छोड़ दिया गया। पांच दिन पहले यह उल्लू घायल अवस्था में सडक़ किनारे पड़ा रहा। जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने वन विभाग के अमले को दी थी। रेस्क्यू कर उल्लू को पशु चिकित्सालय लाया गया। यहां पर पशु चिकित्सक ने वन विभाग की देखरेख में इलाज किया। स्वास्थ्य होने के बाद रविवार को जंगल में उल्लू को पिंजरे से निकालते हुए छोड़ दिया गया।
अंजान में लगाई बाड़ी
मौजूदा ग्रामीण और कब्जाधारियों ने बताया कि वे अंजान में यहां पर बाड़ी लगा लिए थे। यदि यह जानकारी होती कि उक्त भूमि वन विभाग की है तो वे यहां पर बाड़ी नहीं लगाते। ग्रामीणों का यह नजरिया देख अफसर भी सख्ती दिखाने की बजाए नरमी बरते। जिससे देखते-देखते सवा एकड़ से अवैध कब्जा हट गया।