विद्याशंकर मुफलिस का पार्थिव शरीर बनेगा एनाटॉमी की किताब
श्रमिक नेता का देहदान विद्याशंकर मुफलिस का पार्थिव शरीर बनेगा एनाटॉमी की किताब
Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-11 08:43 GMT
डिजिटल डेस्क रीवा। श्रमिक नेता विद्याशंकर मुफलिस का निधन होने पर परिजन ने उनकी इच्छा के अनुसार पार्थिव शरीर का दान किया है। अब उनका पार्थिव शरीर मेडिकल कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई के काम आया। उपरहटी निवासी विद्याशंकर 77 वर्ष के थे। कैंसर रोग से ग्रसित मुफलिस ने शुक्रवार को अंतिम सांस ली। शनिवार की सुबह घर से रैली के रूप में उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां लाल सलाम के नारे लगाते हुए देहदान की प्रक्रिया उनके परिजन ने पूरी की। इस दौरान पूर्व विधायक रामलखन शर्मा सहित काफी समर्थक भी मौजूद रहे। कॉलेज प्रबंधन की ओर से इस दौरान डीन डॉ. मनोज इंदुलकर, एनाटॉमी विभाग के प्रमुख डॉ. जीपी खानवलकर, अस्पताल अधीक्षक द्वय डॉ. अक्षय श्रीवास्तव, डॉ. अवतार सिंह, सीएमओ डॉ. यत्नेश त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।