घर में ही पड़ा रहा कोरोना पीडि़त का शव, पुलिस पहुँची तब खुला राज

घर में ही पड़ा रहा कोरोना पीडि़त का शव, पुलिस पहुँची तब खुला राज

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-24 17:24 GMT
घर में ही पड़ा रहा कोरोना पीडि़त का शव, पुलिस पहुँची तब खुला राज



डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना के प्रति लोगों का भय इस कदर तक हावी है कि लोग संक्रमित होने के बाद भी इस बात की जानकारी देने से बच रहे हैं। इस डर की एक खौफनाक बानगी शनिवार एमजीएम स्कूल के समीप सेठी नगर स्थित क्रिश्चियन कॉलोनी में तब सामने आई जब एक घर में पुलिस पहुंची और वहां से एक शव को बाहर निकाला। पुलिस सूत्रों का कहना है कि करीब 48 वर्ष के एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई। परिवार के लोग उसके शव को घर पर ही रखे रहे। हंगामा तब शुरू हुआ जब मृतक के मास्क आदि को लापरवाही पूर्वक सड़क पर फेंक दिया गया। यह देखकर आसपड़ोस के लोग दशहत में आ गए और उन्होंने लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीडि़त के घर का सेनेटाइजेशन कराने की मांग की। सेनेटाइजेशन के बाद लोग शांत हुए।
आने लगी थी दुर्गंध-
पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई कि मृत्यु के बाद भी उक्त व्यक्ति का शव 2 से 3 दिन तक घर पर ही रखा रहा। शव की बदबू जब पड़ोसियों तक पहुँची, तब किसी ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। उन्होंने परिवार पर भी इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। मृतक, घर के मुखिया का दामाद बताया जा रहा है। पुलिस ने ही शव को बाहर निकलवाया और अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन को सूचना दी। पड़ोसियों ने बाहर फेंके गए मृतक के कपड़ों को घर के बाहर रखने पर आपत्ति दर्ज कराई, जिसके बाद नगर निगम की टीम ने सेनिटाइजेशन किया।
अन्य लोग भी सस्पेक्टेड-
बताया जा रहा है कि घर के मुखिया यहां अपनी पत्नी, बेटे, बेटी और दामाद के साथ रह रहे थे, उनका बेटा घर पर नहीं है। पड़ोसियों के अनुसार घर के बाकी तीन सदस्यों की तबीयत खराब है, उन्हें घर पर ही क्वारंटीन किया गया है। तीनों कोविड सस्पेक्टेड लग रहे हैं। अधिकारयों का कहना है कि इनका सैम्पल कराने की व्यवस्स्था की जा रही है।
मेंटली स्ट्रॉन्ग रहने की जरूरत-
मनोवैज्ञानिक डॉ. रत्ना जौहरी कहती हैं कि कोरोना होते ही व्यक्ति दबाव में आ जाता है, उस पर एक डर हावी होने लगता है। यह बहुत घातक बीमारी है, यह सोचकर मानसिक स्थिति प्रभावित होने लगती है। ऐसे में मेंटली स्ट्रॉन्ग रहने की जरूरत है, आत्मबल बढ़ाने की जरूरत है। अगर आप कोरोना संक्रमित हो गए हैं, तो खुद को मानसिक रूप से ताकतवर बनाए रखें। डिप्रेशन भी इम्युनिटी को कम करता है। परिवार के संक्रमित होने पर, लोकलाज का भय आ जाता है, जो कि नहीं होना चाहिए।

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