8 में से 7 तहसीलों में नहीं तहसीलदार, 6 जनपद में बीडीओ बने हैं सीईओ
प्रभारियों के भरोसे चल रहा जिला 8 में से 7 तहसीलों में नहीं तहसीलदार, 6 जनपद में बीडीओ बने हैं सीईओ
डिजिटल डेस्क,सिवनी। जिले में अफसरों की भारी कमी है। बड़े पदों को प्रभार पर देकर काम चलाया जा रहा है। राजस्व, जनपद, भू-अभिलेख, जल संसाधन, पंजीयन सहित अन्य विभागों में प्रभारी कुर्सियों पर आसीन हैं। इससे कामों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। सबसे विचारणीय स्थिति राजस्व विभाग व जनपद पंचायतों की है। 8 तहसीलों में से केवल सिवनी तहसील ही ऐसी है, जहां तहसीलदार पदस्थ हैं, जबकि शेष 7 तहसीलों में नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार देकर रखा गया है।
इसी तरह 8 में से 6 जनपद पंचायतों में जिनका मूलपद ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफीसर (बीडीओ) है, वे जनपद सीईओ की गद्दी पर आसीन हैं। इनमें दो-तीन तो ऐसे हैं, जो सीधे भोपाल से प्रभारी जनपद सीईओ का आदेश जारी कराकर पदासीन हैं। जल संसाधन विभाग में भी सालों से प्रभार का खेल चल रहा है। नगर परिषदों व सिवनी नगर पालिका में भी प्रभारियों की बड़ी संख्या है। विभागों में चल रहे प्रभार के सिस्टम से कामों की रफ्तार, गुणवत्ता पर असर हो रहा, वहीं नागरिकों को भी अपने काम के लिए ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है। हालांकि कलेक्टर क्षितिज सिंघल कामों में तेजी लाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, ताकि कागजी कवायद में लगने वाला समय बचे और मामलों का निराकरण जल्द से जल्द हो सके। कलेक्टर ने जनसुनवाई में चल रहे ढर्रे को बदलवाकर आवेदन को सीधे ऑनलाइन अपलोड करने की व्यवस्था फिर शुरू कराई है। इससे जिस विभाग से संबंधित आवेदन व शिकायत है, उस विभाग के अधिकारी हार्डकॉपी मिलने का इंतजार करने की बजाय ऑनलाइन देखकर ही निराकरण की कवायद में जुट रहे हैं।
तहसीलों में ये आलम
राजस्व विभाग की स्थिति यह है कि केवल सिवनी तहसील में ही तहसीलदार पीयूष दुबे पदस्थ हैं। अन्य तहसीलों में नायब तहसीलदारों को तहसीलदार का प्रभार देकर रखा गया है। बरघाट में नायब तहसीलदार अमित रिनाहिते प्रभारी तहसीलदार का पद संभाल रहे हैं। घंसौर में नायब तहसीलदार भावना मलगाम प्रभारी तहसीलदार के रूप में कार्य कर रही हैं। इसी तरह नायब तहसीलदार नितिन पटेल धनौरा तहसीलदार, नायब तहसीलदार दिलीप हनुमत कुरई तहसीलदार, नायब तहसीलदार निधि शर्मा छपारा तहसीलदार, नायब तहसीलदार पूजा राणा लखनादौन तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार नितिन गौंड केवलारी तहसीलदार का प्रभार संभाल रहे हैं। जिले में एसडीएम भी अब 2 ही रह गए हैं। आईएएस हिमांशु जैन लखनादौन एसडीएम हैं, वहीं अमित सिंह बरघाट एसडीएम हैं। केवलारी एसडीएम एचके घोरमारे का मंडला स्थानांतरण हो गया है, लेकिन उन्हें अभी रिलीव नहीं किया गया है। घोरमारे के पास घंसौर एसडीएम का भी प्रभार है। इसी तरह अमित सिंह बरघाट के साथ ही कुरई एसडीएम का दायित्व भी संभाल रहे हैं।
एक बीडीओ के हवाले दो जनपदें
जिले में पदस्थ जनपद सीईओ ओंकार सिंह ठाकुर ही ऐसे हैं, जिनका मूलपद भी जनपद सीईओ का ही है। ठाकुर धनौरा जनपद में पदस्थ हैं। वे केवलारी जनपद सीईओ का प्रभार भी संभाल रहे हैं। जिला पंचायत स्थित सूत्रों ने बताया कि लोकेश नारनोरे जिनका मूलपद बीडीओ है, वे छपारा जनपद में सीईओ के पद पर तो पदस्थ हैं ही, उन्हें सिवनी जनपद के सीईओ का प्रभार भी दिया गया है। बीडीओ सुमन खातरकर घंसौर जनपद सीईओ का प्रभार संभाल रही हैं। इसी तरह बीडीओ रामविधुर पाराशर लखनादौन जनपद सीईओ, बीडीओ जागेश्वर ठेपे बरघाट जनपद सीईओ, बीडीओ अरविंद बोरकर कुरई जनपद सीईओ की कुर्सी पर आसीन हैं।
चल रहा प्रभार का खेल
जिले में जल संसाधन विभाग का पूरा काम प्रभार के भरोसे चल रहा है। ऊपर से नीचे तक अधिकारी सालों से प्रभार का दायित्व संभाले हुए हैं। इसका परिणाम यह हो रहा कि बांध प्रबंधन में जहां लापरवाही हो रही, वहीं नहरों के काम में भी गोलमाल उजागर हो रहे हैं। आलम यह है कि काम कराए बिना कागजों में सत्यापन कर भुगतान कराए जाने का खेल भी चल रहा है। कांचनामंडी जलाशय की नहर लाइनिंग कार्य में घोटाले के आरोपों में घिरे एसडीओ डीआर चौधरी उस दौरान कार्यपालन यंत्री के प्रभार पर थे, जब यह गोलमाल हुआ। एसडीओ चौधरी वर्तमान में भी जिले में प्रभारी कार्यपालन यंत्री तिलवारा बायींतट नहर संभाग केवलारी का पद संभाल रहे हैं। तिलवारा बायींतट नहर संभाग केवलारी की चार में से तीन सब डिवीजन में सब इंजीनियरों को एसडीओ का प्रभार देकर रखा गया है। स्थिति यह है कि जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर का पद भी वर्तमान में प्रभार पर चल रहा है। कार्यपालन यंत्री अशोक डहेरिया चीफ इंजीनियर का प्रभार संभाल रहे हैं।