यू ट्यूब वीडियो देखकर की नीट की पढ़ाई- अब इस आदिवासी छात्र को भोपाल के एम्स में मिला प्रवेश
रंग लाई मेहनत यू ट्यूब वीडियो देखकर की नीट की पढ़ाई- अब इस आदिवासी छात्र को भोपाल के एम्स में मिला प्रवेश
डिजिटल डेस्क, यवतमाल. जहां प्रतिभा होती है। वहां आवश्यक सुविधा न मिलने के बावजूद छात्र मंजिल हासिल कर लेते हैं। कुछ ऐसी ही प्रतिभा यवतमाल जिले की पुसद तहसील के माल पठार क्षेत्र के जवली गांव में देखने को मिली है। जिसने ऐसे बच्चों को सबक सिखाया है। जो सुविधा नहीं थी, इसलिए आगे नहीं बढ़ पाए, ऐसा कहते हैं। पुसद तहसील के एक छोटे से गांव के इस छात्र ने सफलता अर्जित कर भोपाल एम्स में प्रवेश प्राप्त किया है। वह जिले का एम्स में दाखिला पानेवाला आदिवासी समाज का पहला छात्र है। उसका नाम सिद्धेश्वर वाघाजी कराले है। उसे 2022 की नीट परीक्षा में 631 अंक मिले हैं। उसकी ऑल इंडिया रैंक 8962 तथा अनुसूचित जनजाति की 33वी रैंक है। हाल ही में ऑल इंडिया काउंसिल की पहली सूची प्रकाशित हुई है। जिसमें उसका भोपाल एम्स में नंबर लग गया है, लेकिन उसे इससे भी अच्छा एम्स चाहिए। इसलिए वह दूसरी सूची का इंतजार कर रहा है। उसकी इच्छा दिल्ली एम्स या दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में पढ़ने की है। उसे एमबीबीएस के बाद सर्जन बनना है। छात्र की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से वह कोचिंग क्लास नहीं लगा सका, लेकिन फिर भी यूट्यूब पर आने वाले नीट के वीडियो देख कर उसने पढ़ाई की। जिससे उसकी सफलता के रास्ते में आनेवाली बाधाएं दूर हो गई। वह मूल रूप से पुसद के माल पठार क्षेत्र के जवली गांव का निवासी है। उसके पिता किसान हैं। उसकी माता खेत में पिता का हाथ बटाती है। उसकी प्राथमिक शिक्षा गांव के प्राथमिक स्कूल मंे हुई। उसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए तहसील में आया। जहां उसे 93 फीसदी अंक मिले थे। कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पुणे के फरगुसन कॉलेज से की। जहां उसे बिना ट्यूशन के 77 फीसदी अंक मिले थे। देहात मेें इंटरनेट का नेटवर्क नहीं होने से वह नांदेड़ गया। वहां एक कमरा किराए पर लेकर उसने रेकार्डडेड लेक्चर वीडियो देखकर यह सफलता अर्जित की है।