कागजों में सिमटा नाशिक का स्मार्टनेस, ITI की राशि लातूर व चंद्रपुर को दे दी

कागजों में सिमटा नाशिक का स्मार्टनेस, ITI की राशि लातूर व चंद्रपुर को दे दी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-09 12:41 GMT
कागजों में सिमटा नाशिक का स्मार्टनेस, ITI की राशि लातूर व चंद्रपुर को दे दी

सोमनाथ कोठुले,नाशिक । नाशिक ITI के डिजिटल और स्मार्ट बनने की राह में खुद पदाधिकारी रोड़ा निर्माण करने पर तुले हैं । फलस्वरुप नाशिक का स्मार्टनेस केवल कागजों में सिमटता जा रहा है। नाशिक ITI के लिए मंजूर 10 करोड़ की निधि लातूर और चंद्रपुर को देने के आरोप लगाए जा रहे हैं।  बता दें कि नाशिक ITI के पास उपलब्ध पर्याप्त जमीन और संसाधनों को ध्यान में रखकर उसे राज्य और केंद्र सरकार की डिजिटल और स्मार्ट आईटीआई में शामिल किया गया था। जिसके विस्तार और विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कौशल्य विकास विभाग ने दस करोड़ रुपए की निधि मंजूर की थी, लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा गोद लिए गए इस जिले की निधि को लातूर और चंद्रपुर की ओर मोड़ा जा रहा है। जिसमें कौशल्य विकास मंत्री व लातूर के MLA शिवाजीराव निलंगेकर की भूमिका महत्वपूर्ण होने की बात कही जा रही है। 

मंत्रियों की उदासीनता से पिछड़ रहा नाशिक: निधि की छीनाछपटी से नाशिकवासियों में नाराजगी की भावना पनपनी शुरू हो गई है। अधिकारियों के अनुसार नाशिक के स्मार्टनेस को केवल सरकारी  कागजों तक सीमित रखा जा रहा है। क्योंकि नाशिक ITI देश के प्रमुख औदयोगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में अग्रणी है। जिसे केंद्र और राज्य सरकार ने डिजिटल ITI के रूप में घोषित किया है, लेकिन सत्ताधारी मंत्रियों की उदासीनता के कारण उस पर अन्याय हो रहा है।   तात्कालीन प्राचार्य आर.एफ.पाटील ने नाशिक ITI के पास उपलब्ध पर्याप्त जमीन और सुविधा राज्य के अन्य किसी भी ITI में नही होने की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी। नाशिक ITI में योग्य प्रशिक्षक व कर्मी होने की बात कही थी। जिसके आधार पर कौशल्य विकास विभाग ने राज्य में केवल नाशिक ITI को स्मार्ट व डिजिटल ITI की योजना में शामिल किया था।  लेकिन कुछ सत्ताधारी मंत्रियों ने नाशिक ITI को नजर अंदाज कर  दस करोड़ रूपए की निधि में से पांच करोड़ रूपए लातूर व पांच करोड़ रूपए की निधि चंद्रपुर की ओर विभाजित कर दी है  औदयोगिक प्रशिक्षण संस्था के अधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर इस संदर्भ में जानकारी दी है। 

सूत्रों ने बताया कि योजना के लिए पात्र साबित होने के लिए बनाए गए नियमों में लातूर और चंद्रपुर की संस्थाएं योग्य नहीं हैं। जिसे नजर अंदाज करते हुए संबंधित संस्थाओं के लिए निधि मोड़ा जा रहा है। नाशिक  में बड़े पैमाने पर निवेश होने की संभवना जताई जा रही है, इसके बावजूद नाशिक के हिस्से का अन्य निधि भी दूसरे जिले में मोड़ा जा रहा है। इस बीच ITI की निधि लातूर और चंद्रपुर की ओर मोडऩे से उदयोगक्षेत्र में नाराजगी का माहौल निर्माण हो रहा है। साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा गोद लिए गए जिले की विकास को लेकर सरकार नीति पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।  

अधिकारियों से जानकारी लूंगा

पालकमंत्री गिरीश महाजन का इस संदर्भ में कहना है कि नाशिक के लिए मंजूर निधि अन्य जिलों की ओर किस नियमों के अनुसार दी गई है। इसकी जानकारी नही है। इस संबंध में अधिकारियों से बात की जाएगी। उन्होंने नाशिक के साथ अन्याय नहीं होने देने का विश्वास दिलाया है।

 

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