पूर्व विधायक तोडसाम समेत छह को तीन साल की सजा
यवतमाल पूर्व विधायक तोडसाम समेत छह को तीन साल की सजा
डिजिटल डेस्क, पांढरकवड़ा (यवतमाल). स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिति में तोड़फोड़ और आगजनी कर कपास खरीद बंद करवाने के मामले में तत्कालीन केलापुर- आर्णी- घाटंजी के भाजपा विधायक राजू तोडसाम समेत कुल छह लोगों को पांढरकवड़ा न्यायालय ने 3 साल के कारावास की सजा सुनाई है। यह सजा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.बी.नाईकवाड ने सुनाई है। सभी आरोपियों ने अदालत में जुर्माने की राशि भरकर जमानत ले ली है। इस मामले में न्यायालय ने आरोपियों को 30 दिन के भीतर अपील करने की मियाद दी है। मामला 19 नवंबर 2013 का है। पांढरकवड़ा कृउबास में कपास नीलामी के समय व्यापारियों ने कपास के दाम कम करवाए थे। तब कई किसानों ने उसके खिलाफ आवाज उठाकर खरीदी-बिक्री बंद करा दी थी। उस समय भाजपा के तत्कालीन विधायक तोडसाम और उनके सहयोगियों ने गारंटी मूल्य में कपास खरीदने की मांग की थी। इस पर व्यापारियों ने खरीदी करने से इनकार कर दिया था। इससे संतप्त तोडसाम और उनके सहयोगियों ने कृउबास कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। यही नहीं आग भी लगा दिया था। इस घटना में कृउबास का भारी नुकसान हुआ था। इस मामले में बाजार समिति के तत्कालीन सचिव ने इसकी शिकायत पांढरकवडा थाने में दी थी। उस समय राजू नारायण तोडसाम, नारायण भानारकर, किशोर घाटोल, विक्की उर्फ विकेश देशेट्टीवार, सुधीर ठाकरे, नंदकिशोर पंडीत, गिरीश वैद्य, संजय वर्मा, सुभाष दरणे, सुनील बोंकीलवार ऐसे दस लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। इसकी जांच एपीआई राखी गेडाम ने की थी। मामले की चार्जशीट न्यायालय में पेश गई। इस मामले में 10 गवाहों के बयान को सच मानते हुए न्यायाधीश ने भानारकर, घाटोल, देशेट्टीवार, तोडसाम, ठाकरे, पंडित आदि को भादंवि की धारा 143, 147, 148, 149 में प्रति 3-3 माह का कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना न भरने पर एक माह की सजा सुनाई । उसी प्रकार धारा 147, 149 के तहत 6 माह की सजा और 2 हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना न भरने पर सजा का प्रावधान किया गया था। धारा 148 और 149 के तहत एक साल की सजा और 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। उसी प्रकार धारा 451, 149 के तहत 2 साल की सजा, 6 हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना न भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा, धारा 4 और उपधारा 149 में 3 साल की सजा और 12 हजार रुपए का जुर्माना, जुर्माना न भरने पर एक साल की अतिरिक्त सजा सुनाई है। यह सभी सजा आरोपियों को एक साथ भुगतनी होगी। इस मामले में अन्य चार आरोपियों को न्यायालय ने बरी कर दिया है। 2013 से सरकारी वकील एड.प्रशांत मानकर, एड.रमेश मोरे, एड.चंद्रशेखर डाहे ने इस मामले में पैरवी की।
जिले भर में गूंजा था मामला
इस मामले की गूंज जिले भर में हुई थी। अनेक नेताओं ने इस प्रकरण के दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। बताया जाता है कि जब तत्कालीन विधायक तोडसाम कृषि उत्पन्न बाजार समिति पर हमला करनेवाले थे तो मौका देखकर कृउबास के पदाधिकारी मौके से भाग खड़े हुए थे। इसके बाद गुस्साए तोडसाम और उनके समर्थकों ने कृउबास परिसर में जमकर तोड़फोड़ की थी। इसके बाद परिसर में रखी सामग्री को आग के हवाले कर दिया था। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी घटनास्थल से चले गए। यह आग काफी देर तक जलती रही और दमकल विभाग के अनेक वाहनों ने मौके पर पहुंचकर काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था। बाद में शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।