11 दिन में सात मवेशियों का किया शिकार, वन विभाग की कार्यवाही सलाह तक सीमित

आधा दर्जन गांवों में बाघ का खौफ 11 दिन में सात मवेशियों का किया शिकार, वन विभाग की कार्यवाही सलाह तक सीमित

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-25 06:43 GMT
11 दिन में सात मवेशियों का किया शिकार, वन विभाग की कार्यवाही सलाह तक सीमित

डिजिटल डेस्क,कटनी। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से लगे खितौली क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों पिछले कई दिनों से बाघ ने धमाल मचा रखा है। यहां तेंदुआ का भी मूवमेंट बताया जा रहा है। बाघ द्वारा लगातार मवेशियों के शिकार से किसान अपने खेत, खलिहानों में भी नहीं जा पा रहे हैं। कटाई के बाद धान की फसल खलिहानों में पड़ी है, वहीं जिन खेतों में कटाई हो गई है वहां गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर वन विभाग की कार्यवाही केवल सलाह तक सीमित हैं। बुधवार-गुरुवार की रात बाघ ने करौंदीखुर्द के छुलहा हार में सुरेन्द्र काछी की गाय को मार डाला। बाघ को टे्रस करने वन विभाग ने नाइट विजन कैमरे लगाने के दावे किए हैं लेकिन उन कैमरों में बाघ की तस्वीरें कैप्चर नहीं हुई। क्षेत्र में 15 नवम्बर से बाघ लगातार मूवमेंट है। तब से अब तक बाघ ने सात मवेशियों का शिकार किया है। 15 नवंबर को भी करौंदी खुर्द के इसी क्षेत्र में सुखलाल काछी को दो गायों को बाघ ने किल किया था। इसके अलावा करौंदी कला में 18 और 20 नवम्बर को 3 पालतू मवेशियों को भी बाघ ने अपना निवाला बनाया था।

इन क्षेत्रों में दहशत

जानकारी के अनुसार बफर जोन कहे जाने वाले खितौली क्षेत्र के गांवों में बाघ की दहशत है। आए दिन बाघ द्वारा मवेशियों का शिकार किए जाने से केवलारी एवं बंजर बरेला के साथ ही कुआं, करौंदी कला, करौंदी खुर्द, मचमचा, बिचपुरा,  जाजागढ़,  झिरिया, सुतरी, कुठिया मुहगवां, ताली मोहनिया, सलैया सिहोरा आदि गांव जंगल से लगे होने की वजह से यहां पर बाघों का मूवमेंट लगातार बना रहता है। वन विभाग ने दी ग्रामीणों को सलाह रेंजर

डॉ.गौरव सक्सेना ने बताया कि ग्रामीण खेत और खलिहान अकेले ना जाकर समूह में शोर करते हुए जाएं। खेत और खलिहान में बैठकर काम करने से परहेज करें या किसी को निगरानी में लगा दें। रात-दिन क्षेत्र में सघन सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है चारों तरफ क्षेत्र में नाइट विजन कैमरे भी लगाए गए हैं। सुबह और रात के समय गांव में चौपाल लगाकर लोगों को समझाइश दी जा रही है।

तो क्या खेती करना छोड़ दें

वन विभाग की सलाह पर ग्रामीणों का कहना था कि अगर वे खेत-खलिहान नहीं जाएंगे तो उनके परिवार का गुजारा कैसे होगा। अभी तो मवेशी ही मारे जा रहे हैं क्या जब बाघ आदमियों पर हमले करना शुरू कर देगा तब अधिकारी चेतेंगे। करौंदी खुर्द के सुखलाल काछी, सुरेंद्र काछी,  करौंदी कला के गड्डू तिवारी, सीतू आदि ने कहा कि बांधवगढ़ से प्रशिक्षित हाथियों दल से बाघ को राष्ट्रीय उद्यान की ओर खदेड़ा जाए ताकि ग्रामीण निश्चिंत होकर खेती कर सकें।
 

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