धान घोटालेबाजों के विरुद्ध बढ़ाई धारा, नॉन ने मिलर्स के खातों को कराया फ्रीज

कटनी धान घोटालेबाजों के विरुद्ध बढ़ाई धारा, नॉन ने मिलर्स के खातों को कराया फ्रीज

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-11 11:28 GMT
धान घोटालेबाजों के विरुद्ध बढ़ाई धारा, नॉन ने मिलर्स के खातों को कराया फ्रीज

डिजिटल डेस्क , कटनी ।धान घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है, घोटालेबाजों पर कानूनी शिकंजे की पकड़ में और अधिक मजबूती लाई गई। माधवनगर थाने में 407 के आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने धारा बढ़ा दी। नागरिक आपूर्ति निगम ने भी खातों को फ्रीज करा दिया गया। जांच अधिकारियों की गुगली गेंद से दोषी मिलर्स और उबरा समिति के प्रभारी प्रबंधक, खरीदी प्रभारी और ऑपरेटर अंडरग्राउंड हो गए हैं। जिसके चलते मामला दर्ज होने के बाद आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। गुरुवार को पिपरियाकला और बरही खरीदी केन्द्रों में जांच अधिकारियों के पहुंचने की चर्चा रही, जिसके बाद दोनों खरीदी केन्द्र का अमला यहां से नदारत रहा। एक तरफ आरोपियों के विरुद्ध धाराएं बढ़ाई गई हैं, तो दूसरी तरफ खेल में शामिल अन्य मिलर्स और समिति के जिम्मेदारों का समय भी शाम को समाप्त हो गया। जिसके बाद शुक्रवार को इस मामले में बचे हुए अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज होने की संभावना जताई गई है।
धारा 409 में दस वर्ष तक की सजा
माधवनगर थाने में अब सभी छह आरोपियों के विरुद्ध दो धाराएं दर्ज हैं। धारा 409 में दस वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। गुरुनानक इंडस्ट्रीज के संचालक अनिल आसरानी, रोहरा इंडस्ट्रीज के संचालक बन्टू रोहरा, उबरा पंजीयन केन्द्र के खरीदी प्रभारी भूपत द्विवेदी, ऑपरेटर नितेश तिवारी और प्रभारी प्रबंधक अनुज रघुवंशी अब धारा 407 और 409 के मामले में आरोपी बने हुए हैं। धारा बढऩे के बाद पुलिस अब आरोपियों की तलाश कर रही है। 
खातों पर प्रशासन की पैनी नजर
शासन के जिस दरियादिली का फायदा उठाकर सिंडिकेट बनाते हुए ये सभी घोटालेबाज फायदा उठाते थे। उनके खातों पर प्रशासन की पैनी नजर है। नान के कर्मचारियों ने फिलहाल संबंधित बैंक को खातों में फ्रीज लगाने की बात कही है, ताकि यदि आरोपी भाग जाते हैं तो राजस्व नियम का सहारा लेकर उनके खातों से राशि जमा कराई जा सके।
घोटाले के बाद दो भागों में मिलर्स
घोटाले के बाद मिलर्स दो भागों में बंट गए हैं। एक हिस्से में वे मिलर्स शामिल है, जो मनमानी के लिए समय-समय पर दवाब बनाने के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मिल बंद करने की धमकी देते थे। दूसरे हिस्से में वे मिलर्स शामिल हैं। जिनके लिए उनका मिल जीविकोपार्जन का साधन है। जिसके चलते सिंडिकेट की धमकी के बाद भी मिलिंग का काम तेज गति से चल रहा है। विभागीय अधिकारियों ने साफ-सुथरे मिलर्स के सामने आने से राहत की सांस ली है।
दरवाजे बंद, राजनेताओं ने खींचे हाथ
राजनेताओं की धौंस दिखाते हुए अमानक चावल को पास कराने का दवाब बनाने वाले मिलर्स के मामले में राजनेताओं ने भी हाथ खींच लिए हैं। स्थानीय स्तर पर अब सभी लोगों ने घोटालेबाजों के लिए अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं। जिसके बाद अब दोषी मिलर्स भोपाल तक की दौड़ लगा रहे हैं, ताकि वहां पर कोई ऐसा ठिकाना मिल जाए। जिससे यह कार्यवाही यहीं पर आकर रुक जाए। मिलर्स ईमानदारी और अनुबंध के तहत  करें अपना काम: कलेक्टर धान मिलिंग को लेकर गुरुवार को कलेक्टर प्रियंक बैठक ने मिलर्स की बैठक ली। इस दौरान इन्होंने कहा कि  आप सभी ने मिलिंग के लिए अनुबंध किया है, उस निर्धारित अनुबंध का पालन करते हुए ईमानदारी के साथ अपना काम करें। कार्य में छवि भी महत्वपूर्ण है और यदि नियमानुसार काम नहीं होता है तो नुकसान आपका होगा।  कलेक्टर ने बैठक में यह भी कहा कि आपकी जो भी समस्याएं हैं,उनको लेकर चर्चा करें। हम सारे काम पारदर्शिता से कर रहे हैं और मिलर्स जांच में सहयोग करते हुए सिस्टम को बेहतर बनाने में सहयोग करें। साथ ही मिलिंग का काम प्रारंभ करने की बात कही। मिलर्स ने वर्ष 2021-22 में मिलिंग को लेकर कुछ समस्याएं भी कलेक्टर  के सामने रखीं।

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