मिलिंग नीति का फायदा उठाकर 2.97 करोड़ की एफडीआर में घोटालेबाजों

कटनी मिलिंग नीति का फायदा उठाकर 2.97 करोड़ की एफडीआर में घोटालेबाजों

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-10 10:45 GMT

डिजिटल डेस्क , कटनी ।धान खरीदी में घोटालेबाज जिस राशि का सहारा लेकर बचने की जुगत लगाते हुए अफसरों को घेर रहे हैं और कह रहे हैं कि उतनी राशि जमा करने के बाद ही वे केन्द्रों से मिलिंग के लिए उपज उठाए हैं। दरअसल उसमें ही कई तरह का पोल है। मिलिंग नीति का फायदा उठाकर सिंडिकेट ने महज 2.97 करोड़ की एफडीआर में ही सरकार को सीधे 8.31 करोड़ रुपए का चोट पहुंचाने में सफल हो गए। भण्डारण की समस्या को देखते हुए शासन के शिथिल नियमों को ये लोग अच्छी तरह से समझ सके थे कि इसमें उनका नुकसान किसी तरह से नहीं है, बल्कि यह सौदा उन्हें मालामाल करने वाला है। जिसके बाद पूरी पटकथा कागजों में लिखकर इसे अंजाम भी दे डाला। इधर समय-सीमा घटने के साथ ही कार्यवाही से बचे हुए अन्य राइस मिलर और समितियों के कर्मचारियों की धडक़न बढऩे लगी है।
ऐसे समझें गणित और घोटाला
धान उपार्जन के समय ट्रांसपोर्ट का खर्चा कम करने और स्टोरेज की समस्या को देखते हुए शासन ने मिलिंग के लिए नया नियम बनाया था। जिसमें एक लाट के लिए 1.50 लाख की डीडी/एफडीआर और 3.50 लाख रुपए के चेक जमा कराए जाने के निर्देश उपज उठाने वाले मिलर को दिया गया था। साफ्टवेयर अपडेट नहीं होने से पिछले वर्ष का ही नियम लागू किया गया। जिसमें प्रति लाट के हिसाब से 3 लाख की एफडीआर और 7 लाख रुपए का चेक मिलर संचालक से जमा कराया गया।  ९९ डिलेवरी ऑर्डर से 7 राइस मिलर्स ने कुल 42 हजार 867 क्विंटल धान का उठाव कागजों में किया। एक क्विंटल पर शासन किसान को 1940 रुपए दे रही थी। 
गड़बड़ी करने वालों की सूची तैयार
जांच अधिकारियों ने गड़बड़ी करने वालों की दूसरी सूची भी तैयार कर ली है। जिसमें करीब 45 लोगों को शामिल किया गया है। जिसमें 5 राइस मिल संचालक और 40 समिति के लोग हैं। जांच अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि राइस मिल संचालकों के पास गुरुवार शाम तक का ही समय है। शुक्रवार को प्रशासन नियमों के तहत मिलों का भौतिक सत्यापन कराते हुए मामला पुलिस में सौंपेगा। इस संबंध में एक-एक समितियों के प्रबंधक, खरीदी केन्द्र प्रभारी और ऑपरेटर के नाम की सूची मंगा ली गई है। हालांकि घोटाले के बाद भी संदिग्ध लोग बचने की जुगत में राजनैतिक गलियारों में पहुंच रहे हैं।
तबादले के बाद अवकाश में डीएम
तबादले के बाद कार्यवाही में शामिल नॉन डीएम मधुर खर्द एक-दो दिन के लिए अवकाश में चले गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार को वे फिर से उपस्थित होकर जांच अधिकारियों की फाइल लेकर थाने पहुंचेंगे। गौरतलब है कि 3 फरवरी को मधुर खर्द का स्थानांतरण जिला कार्यालय कटनी से मुख्यालय वितरण कक्ष भोपाल के लिए कर दिया गया है। यहां  मुख्यालय वितरण कक्ष के सहायक महाप्रबंधक पंकज बोरसे को भेजा गया है, फिलहाल स्थानांतरित डीएम मधुर खर्द को प्रशासन ने रिलीव नहीं किया है।  संभावना जताई गई है कि शुरुआती दौर से ही इस कार्यवाही में प्रबंधक शामिल रहे। कार्यवाही के बाद ही उन्हें रिलीव किया जाएगा।
गारंटी में नान ने जरुर लिए चेक, लेकिन खातों में राशि की नहीं गारंटी गारंटी में नागरिक आपूर्ति निगम ने एक डीओ पर जरुर सात लाख रुपए का चेक संबंधित मिलर से जमा कराया है, लेकिन खातों में उतनी राशि की कोई गारंटी नहीं है। शासन के निर्देश पर नान चेक बतौर गारंटी के रुप  में जमा कराता है, ताकि बाद में यदि किसी तरह की परेशानी आए तो वह चेक के माध्यम से भुगतान ले सकता है, लेकिन यह राह विभाग के लिए उतना आसान नहीं है।

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