जम्मू के सुजवान में आतंकी हमले में सतना का लाल शहीद

सतना जम्मू के सुजवान में आतंकी हमले में सतना का लाल शहीद

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-23 12:08 GMT
जम्मू के सुजवान में आतंकी हमले में सतना का लाल शहीद

डिजिटल डेस्क, सतना। केन्द्र शासित राज्य जम्मू के सुजवान इलाके में शुक्रवार सुबह तकरीबन सवा 4 बजे ड्यूटी पर जाते समय सीआईएसएफ के जवानों की बस पर दो आतंकियों ने अंधा-धुंध फायरिंग के साथ ग्रेनेड से हमला कर दिया, जिसमें अमदरा थाना क्षेत्र के ग्राम नौगवां निवासी और सीआईएसएफ के सहायक उपनिरीक्षक शंकर प्रसाद पटेल पुत्र स्वर्गीय रामदास पटेल (58) गंभीर रूप से घायल होकर वीरगति को प्राप्त हो गए, जबकि उनके 4 साथी गंभीर रूप से घायल हो गए। जवाबी हमले में सेना के जवानों ने 10 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद 2 आतंकियों को मार गिराया। शंकर प्रसाद के शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची तो परिवार समेत ग्रामीण सकते में आ गए। एक तरफ उन्हें अपनी माटी के लाल की शहादत पर गर्व हो रहा था, तो वहीं असमय चले जाने से असहनीय पीड़ा और दु:ख का भी अनुभव कर रहे थे। 
परिवार में पत्नी और 2 बेटे ---
पत्नी लक्ष्मी पटेल को जैसे ही यह खबर बताई गई तो वे बदहवास होकर रोने-बिलखने लगीं। परिजनों ने बमुश्किल उन्हें संभाला। श्री पटेल के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं, जिनमें बड़ा बेटा संजय कुमार खेरवासानी टोल प्लाजा में एम्बुलेंस चालक है, वहीं छोटा बेटा सुरेन्द्र कुमार नागपुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। वे 5 भाइयों में दूसरे नम्बर के थे। परिजनों ने बताया कि मध्यमवर्गीय किसान परिवार में जन्मे शंकर प्रसाद ने प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गांव में ही प्राप्त की थी। शुरू से ही उनके अंदर देश सेवा का जज्बा था, जिसके चलते स्कूली शिक्षा के बाद सीआईएसएफ में भर्ती हो गए थे। शंकर प्रसाद को बागवानी और साफ-सफाई का काफी शौक था। वे जब भी छुट्टी पर गांव आते तो घर और बगीचे की सफाई में लग जाते थे। 
जन्मदिन के दिन ही हुआ था प्रमोशन ---
शहीद शंकर प्रसाद का जन्मदिन 19 दिसम्बर को आता है। वर्ष 2021 में इसी दिन उनका प्रमोशन प्रधान आरक्षक से सहायक उपनिरीक्षक के पद पर हुआ था, तब वे छुट्टी पर गांव आए थे। उनके छोटे पुत्र सुरेन्द्र का भी जन्मदिन 19 दिसम्बर को ही हुआ था, लिहाजा बेटे और अपने जन्मदिन समेत प्रमोशन की खुशी परिवार के साथ केक काटकर मनाई थी। शंकर प्रसाद की कम्पनी 18 अप्रैल को ही छत्तीसगढ़ से जम्मू के लिए भेजी गई थी, जहां 20 तारीख को ड्यूटी ज्वाइन की थी। श्री पटेल वर्ष 2024 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। 
एक दिन पहले पत्नी और बेटे से आखिरी बात ---
शंकर प्रसाद अक्सर रात को पत्नी और बेटों से फोन पर बात किया करते थे। 21 अप्रैल की रात को भी गांव में पत्नी लक्ष्मी और नागपुर में रह रहे बेटे सुरेन्द्र से फोन पर बात कर दोनों का ही हाल-चाल लिया था, मगर तीनों में से किसी को भी इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि अगली सुबह उनके जीवन में बड़ी उथल-पुथल लेकर आने वाली है। 
आज शाम तक पार्थिव शरीर पहुंच सकता है गांव ---
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि सीआईएसएफ हेडक्वार्टर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक शहीद जवान का पार्थिव शरीर विशेष विमान से शनिवार दोपहर को 3 बजे जबलपुर पहुंचेगा, वहां से सेना के विशेष वाहन के द्वारा सड़क मार्ग से नौगवां लाया जाएगा। इसके बाद परिजनों की मंशा के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा, जिसके लिए घर से 300 मीटर दूर पुस्तैनी बगीचे में स्थान नियत किया गया है। 
आ सकते हैं सीएम ---
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आतंकी हमले में शहीद एएसआई शंकर प्रसाद को अंतिम विदाई देने नौगवां पहुंच सकते हैं। हालांकि अभी तक कोई अधिकृत कार्यक्रम प्राप्त नहीं हुआ है, मगर पूर्व के अनुभव को देखते हुए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। कई स्थानों का जायजा लेने के बाद गांव से 5 किलोमीटर दूर घुनवारा स्टेडियम में हेलीपेड बनाया जा रहा है। वहां से सड़क मार्ग से सीएम शहीद के घर पहुंच सकते हैं। 
गांव पहुंचा प्रशासन, अर्पित की श्रद्धांजलि ---
सीआईएसएफ जवान की शहादत की खबर लगते ही सबसे पहले मैहर एसडीएम धर्मेन्द्र मिश्र, तहसीलदार मानवेन्द्र सिंह और अमदरा टीआई राजेन्द्र पाठक ने उनके गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी, तो दोपहर में कलेक्टर अनुराग वर्मा और पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने नौगवां जाकर शहीद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने अंतिम संस्कार स्थल और हेलीपेड की जगह का निरीक्षण किया। सुरक्षा व्यवस्था और कार्यक्रम की तैयारियों की जिम्मेदारी मैहर के प्रभारी एसडीओपी मोहित यादव को दी गई है।

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