एक साल में ही 240 करोड़ की सड़क हो गई दो फाड़
एक साल में ही 240 करोड़ की सड़क हो गई दो फाड़
डिजिटल डेस्क, कटनी। मप्र रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा कटनी से चांडिल तक बनाई जा रही सबसे लम्बी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। अभी जब इस रोड का काम ही कम्पलीट नहीं हुआ है, तब यह एक साल पहले ही दो फाड़ हो गई। कटनी से उमरिया तक 69 किलोमीटर सड़क का निर्माण 240 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है, जिसमें कटनी बायपास (लमतरा फाटक से जुहला तिराहा तक) भी शामिल है। बायपास की रोड बीच से दरक कर दो भागों में बंट गई है। लमतरा से जुहला अंडर व्हीकल पुल तक लगभग एक किलोमीटर लम्बी दरार इसके निर्माण में बरती गई लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल खोल रही है। हालांकि रोड की गुणवत्ता की जांच के लिए एमपीआरडीसी में इंजीनियरों की फौज है, लेकिन वे निर्माण एजेंसी को क्लीन चिट देते रहे हैं। उसी का परिणाम है कि एक साल भी पूरा नहीं हुआ और रोड बीच से दो भागों में बंट गई।
टूट रही रोड
बायपास के अलावा जुहला से उमरिया तक 69 किलोमीटर रोड में अब एक किलोमीटर हिस्सा भी सुरक्षित नहीं रह गया है। तकनीक से जुड़े लोगों के अनुसार इसका एक कारण रोड का ठीक से कम्पेक्शन नहीं होना माना जा रहा है। अब जब सड़क पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई तो रोड धंस रही है, जिसके कारण टूटन होने लगी है। जिस तरह से रोड टूट रही है, उससे इसकी लाइफ को लेकर अभी से शंका होने लगी है। लांग लाइफ के लिए बनाई गए सड़क में अभी से थिगड़े लगने लगे हैं।
अब लीपापोती के प्रयास
कटनी से उमरिया तक रोड में जगह-हो गई दरारों को केमिकल और साल्वेंट के घोल से ढंकने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं एमपीआरडीसी के अधिकारियों का कहना है कि इस रोड में अब तक तीन सौ पैनल बदले जा चुके हैं। विभाग के अधिकारियों के दावों से ही पता चलता है कि रोड की गुणवत्ता से किस तरह खिलवाड़ किया गया है और ठेका कंपनी को बचाने के लिए चार साल मेंटेनेस गारंटी की बात कही जा रही है।
इनका कहना है
कटनी से उमरिया तक 69 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है। ठेकेदार को चार साल तक मेटेनेंस करना है। बायपास में रोड टूटने की जानकारी है उसे रिपेयर कराया जाएगा लेकिन गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है।
- नितिन कुमार बर्वे, महाप्रबंधक एमपीआरडीसी