कलेक्टर की सख्ती के बाद हरकत में आए जिम्मेदार कर्मचारी
76 दिन में अवैध निर्माण पर 3 नोटिस कलेक्टर की सख्ती के बाद हरकत में आए जिम्मेदार कर्मचारी
डिजिटल डेस्क,कटनी। गुरुनानक वार्ड में नक्शे के विपरीत निर्माण कार्य को तोडऩे में अफसरों ने ढाई माह का समय नोटिस-नोटिस के खेल में निकाल दिया। बुधवार को मौके पर निगमायुक्त सत्येन्द्र धाकरे टीम के साथ पहुंचे। जिसमें भवन अनुज्ञा शाखा के कार्यपालन यंत्री, अतिक्रमण प्रभारी सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
यहां पर मैदानी अमले के कर्मचारियों की जमकर क्लास लगाई और इन्होंने टीम से अवैध निर्माण को तोडऩे के लिए समय की जानकारी चाही। जिस पर टीम ने 21 दिसम्बर का समय दिया। जिस पर कमिश्नर ने कहा कि यदि इस तिथि में भी किसी तरह की लापरवाही बरती जाती है तो इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। जिससे कि समय पर कार्रवाई हो।
बार-बार दिए थे मौका
इस मामले में पहले तो नगर निगम का अमला चुप्पी साधे रहा, जब शिकायत हुई तो फिर सितम्बर से लेकर अब तक तीन बार से अधिक समय तक अवैध निर्माणकर्ताओं को मौका दे चुका है। 30 सितम्बर को संगीता, पूनम और कृष्णा लालवानी के नाम से भवन अनुज्ञा शाखा से जारी नोटिस में कहा गया था कि 11 अक्टूबर को अनुमति विपरीत निर्माण कार्य को हटाया जाएगा। इसके बाद जसवीर सिंह के नाम से 11 नवंबर को नोटिस जारी किया गया था। दोनों नोटिस में जब किसी तरह की कार्यवाही नहीं हुई तो शिकायकर्ता सीधे कलेक्टर के पास जनसुनवाई में पहुंचा हुआ था। जिसमें मौके पर मौजूद नगर निगम के अधिकारियों ने यह बताया था कि 10 सितम्बर को अवैध निर्माण ढहा दिया जाएगा। इस बार भी पुलिस, ननि और राजस्व अधिकारी कार्यवाही के नाम पर सिर्फ एक-दूसरे का मुंह ही शाम तक देखते रह गए।
राजनीतिक हस्तक्षेप की बाजार में चर्चा
बाजार में इस बात की चर्चा सभी जगहों पर है कि राजनीतिक हस्ताक्षेप के चलते अधिकारी और कर्मचारी अवैध निर्माण तोडऩे की साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। शहर के अंदर मुख्य मार्गों के किनारे टपरे और ठेले तो अक्सर अतिक्रमण की कार्यवाही के नाम पर जद में आ जाते हैं, पर अवैध निर्माण के मामले में कार्यवाही अक्सर ठंडे बस्ते में चली जाती है।
यहां पर तीन बार गए और उधर तन गई दुकान की दीवार
शहर में अवैध निर्माण का किस तरह से बोलबाला है। इसकी बानगी बरही रोड में सिटी मॉल के ठीक बगल से निर्माणाधीन दुकान से देखी जा सकती है। दो माह से अतिक्रमण दस्ता और इंजीनियर मौके पर जाकर कार्यवाही करते रहे। जिस समय पिलर के लिए गड्ढे खोदे गए थे। उसी समय अमला पहुंचा हुआ था। इसके बावजूद धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी रहा। शिकायत के बाद फिर से अतिक्रमण दस्ता यहां पहुंचा। इस बार मौके से तगाड़ी और फावड़ा लेकर कर्मचारी चले आए, लेकिन अवैध निर्माणकर्ता इसके बावजूद भी नहीं रुका। वर्तमान समय में दुकान की दीवार तन गई है। परदे के पीछे जनप्रतिनिधियों की भी मौन सहमति बताई जा रही है।