पूर्वमंत्री प्रशांत हिरे को धमकी मामले में ग्रामविकास मंत्री भुसे को मिली राहत
पूर्वमंत्री प्रशांत हिरे को धमकी मामले में ग्रामविकास मंत्री भुसे को मिली राहत
डिजिटल डेस्क, नाशिक। पूर्व मंत्री प्रशांत हिरे के वाहन को रोककर धमकी देने के मामले में ग्रामविकास राज्यमंत्री दादा भुसे सहित 3 को केस से बरी किया गया है। सेशन कोर्ट की जज कांबले ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। इस मामले में सरकारी वकील ने हिरे के साथ उनके वाहन चालक, घटना स्थल पर मौजूद पुलिस निरीक्षक, उपनिरीक्षक सहित 7 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे। लेकिन दोनो के बयानों में अंतर पाया गया। जिसकी जांच परख के बाद कोर्ट ने फैसला सुना दिया। खास बात है कि मामले में प्रशांत हिरे और उनके ड्राइवर ने छावनी थाना में 24 घंटे बाद शिकायत दर्ज कराई थी। जबकि मौके से थाना केवल 500 फिट दूर था।
कोर्ट से मिली थी जमानत
पूर्व परिवहन राज्यमंत्री डॉ. प्रशांत हिरे 9 फरवरी 2001 को अपने परिवार के साथ लालबत्ती की गाड़ी से जा रहे थे। थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में हिरे ने कहा था कि बीच राह में दादा भुसे ने अपने 3 समर्थकों के साथ उनका वाहन रोक लिया था। इसके बाद उन्हें धमकाया गया था। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने भुसे के साथ प्रवीण बच्छाव और मनोज पाटिल को गिरफ्तार किया था। लेकिन कोर्ट ने तीनों को जमानत पर रिहा कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल पूरी करने के बाद रिपोर्ट पेश की थी।
ड्राइवर और हिरे के बयानों में अंतर
भुसे की तरफ से एड़वोकेट सुधीर अक्कर, एड़वोकेट धनंजय कोठलीकर, एड़वोकेट चेतन जायलवाल, और एड़वोकेश लक्ष्मीकांत सुरसे ने मामले की पैरवी की। सुनवाई के दौरान हिरे के साथ वाहन चालक सहित 7 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। लेकिन ड्राइवर और हिरे के बयानों में अंतर पाया गया। इसके बाद कोर्ट ने भुसे सहित साथियों को निर्दोश करार दिया।