ननि कर्मी की विधवा को हाईकोर्ट से मिली राहत सुको से भी बरकरार
ननि कर्मी की विधवा को हाईकोर्ट से मिली राहत सुको से भी बरकरार
डिजिटल डेस्क जबलपुर। नगर निगम के एक कर्मचारी की विधवा को फैमिली पेंशन देने को लेकर मप्र हाईकोर्ट द्वारा दिया गया फैसला सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बैंच ने मामले पर हस्तक्षेप से इंकार करके नगर निगम की अपील खारिज कर दी।
गौरतलब है कि नगर निगम में ड्रायवर के पद पर कार्यरत रमेश विश्वकर्मा के निधन के बाद उसकी पत्नी सरिता विश्वकर्मा ने फैमिली पेंशन पाने एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। पहले एकलपीठ और फिर युगलपीठ ने उसे फैमिली पेंशन देने के आदेश दिए थे। युगलपीठ द्वारा 19 दिसंबर 2019 को दिए आदेश को चुनौती देकर नगर निगम की ओर से विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी, जो बैंच ने खारिज कर दी। महिला की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार पाण्डेय ने पैरवी की।
आरोप में महिला को मिली जमानत-
जस्टिस सुजय पॉल की एकलपीठ ने जबलपुर की उस महिला को अग्रिम जमानत का लाभ दिया है, जिस पर भोपाल के एक युवक को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का आरोप है। आवेदक महिला के विवाहित होने के बाद भी उसके भाई का दोस्त शादी के लिए दवाब बना रहा था और महिला के द्वारा इंकार करने पर उसने दिसंबर 2018 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आवेदक की ओर से अधिवक्ता दीपक पंजवानी ने पैरवी की।